विदेशी संस्थाओं के साथ संचालित होगा संयुक्त आयुर्वेद पाठ्यक्रम
जोधपुर, 12 दिसम्बर (हि.स.)। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद की बैठक कुलगुरु प्रोफेसर (वैद्य) गोविंद सहाय शुक्ल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। कुलगुरु की नियुक्ति पश्चात यह प्रथम बैठक आयोजित की गई है। जिसमें सत्र 2025-26 से संबंधित अनेक शैक्षणिक एवं नीतिगत मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई।
बैठक में विद्या परिषद् के उपवेशन की कार्यवाही के अनुमोदन के साथ सत्र 2025-26 के लिए निरीक्षकों से प्राप्त निरीक्षण एवं स्क्रीनिंग कमेटी की रिपोर्ट का मानकों के अनुरूप अवलोकन करते हुए संबद्धता जारी की गई। साथ ही जिन संस्थाओं में कमियां पाई गई उन्हें कमियां पूर्ण करने हेतु लिखे जाने का निर्णय किया गया।
उदयपुर राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के डॉ. किशोरी लाल शर्मा द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव, विश्वविद्यालय में संचालित बीएनवाईएस एवं बीएससी नर्सिंग पाठ्यक्रम (सिलेबस) तथा बीएससी नर्सिंग एवं एमएसआर के न्यूनतम मानदंडों पर विमर्श किया गया। इसके साथ ही स्नातकोत्तर विद्यार्थियों के अध्यापन एवं अध्ययन के न्यूनतम मानक, परीक्षा एवं गोपनीय शाखा से जुड़े प्रस्ताव, ऑनलाइन नाड़ी परीक्षण सर्टिफिकेट कोर्स, न्यूट्रास्यूटिकल एवं सौंदर्य प्रसाधन कोर्स संबंधित विषय, एनसीआईएसएम नई दिल्ली के दिशानिर्देशों के अनुसार विदेशी संस्थाओं के साथ संयुक्त आयुर्वेद पाठ्यक्रम संचालन तथा प्रमाण-पत्र एवं डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के संचालन का निर्णय लिया गया। बैठक में डीन आयुर्वेद फैकल्टी प्रोफेसर महेंद्र कुमार शर्मा, डीन फैकल्टी होम्योपैथी प्रोफेसर जयराम चौधरी, डीन यूनानी प्रोफेसर मोहम्मद आज़म अंसारी, विभागाध्यक्ष प्रोफेसर प्रमोद कुमार मिश्रा एवं प्रोफेसर ए. नीलिमा, फैकल्टी प्रतिनिधि डॉ. राजाराम अग्रवाल, प्रो. प्रदीप शर्मा तथा प्रो. मोहम्मद जावेद, विशेषज्ञ सदस्य डॉ. किशोरी लाल शर्मा एवं अन्य सदस्य तथा विश्वविद्यालय के उपकुलसचिव उपस्थित रहे। सभी बिंदुओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा के उपरांत कई प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की गई, जबकि कुछ विषयों को आवश्यक संशोधनों संबंधित समितियों को भेजा गया।
हिन्दुस्थान समाचार / सतीश

