राजस्थानी भाषा बोलने में होना चाहिए गर्व : कुलपति
जोधपुर, 14 दिसम्बर (हि.स.)। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के छात्र सेवा मंडल अंतर्गत राजस्थानी संस्कृति प्रकोष्ठ द्वारा पुराना परिसर में राजस्थानी युवा उच्छब के चौथे दिन आज कमला नेहरू महिला महाविद्यालय में राजस्थानी लोक नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
छात्र सेवा मण्डल के सचिव डॉ. जालमसिंह रावलोत ने बताया कि राजस्थानी लोक नृत्य प्रतियोगिता में राजस्थानी गानों पर कॉलेज की स्टूडेंट ने परफॉर्म किया। राजस्थान के पारंपरिक गानों पर जब प्रस्तुति दी तो उपस्थित गल्र्स स्टूडेंट ने जमकर हूटिंग की। मुख्य अतिथि कुलपति प्रोफेसर केएल श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में स्टूडेंट को अपनी भाषा के प्रति समर्पित रहने और बिना किसी संकोच के इस भाषा का प्रयोग करने की सीख दी। उन्होंने कहा कि गुजरात, पंजाब के लोग अपनी भाषा बोलते हैं तो हमें भी राजस्थानी बोलने में कोई संकोच नहीं होना चाहिए। इस भाषा को लेकर गर्व होना चाहिए क्योंकि भाषा बचेगी तो ही हमारी संस्कृति बचेगी। साथ ही सरकार से भी हम मांग करते हैं कि इस भाषा को जल्द से जल्द संवैधानिक मान्यता दी जाए।
केएन कॉलेज की निदेशक प्रोफेसर संगीता लुंकड़ ने बताया कि राजस्थानी भाषा मे एक ऐसी अनूठी मिठास है जो उसे औरों से अलग बनाती हैं इसलिए इस भाषा को बोलने में हमें गर्व होना चाहिए। खुशी है कि इस तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से भाषा को मान्यता देने के मुद्दों पर भी बल मिलता है। राजस्थानी भाषा विभाग के अध्यक्ष गजेसिंह राजपुरोहित ने बताया कि राजस्थानी युवा उच्छब का समापन कल होगा। प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय द्वारा प्रशस्ति-पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार/सतीश/ईश्वर
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