नवाचारों को प्रोत्साहन से औद्योगिक विकास की राह पर राजस्थान

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नवाचारों को प्रोत्साहन से औद्योगिक विकास की राह पर राजस्थान


जयपुर, 18 दिसंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन में राज्य सरकार युवाओं के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। युवाओं को नौकरियों में अवसर देने के साथ-साथ कौशल प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। युवाओं को नवाचारों तथा नए उद्योगों की स्थापना के लिए प्रोत्साहित कर प्रदेश में औद्योगिक विकास की नई कहानी लिखी जा रही है।

मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश में रोजगार सृजन, कौशल विकास, उद्यमिता, शिक्षा और खेल के क्षेत्र में ऐतिहासिक कार्य किए गए हैं।

राज्य सरकार ने युवाओं को गुणवत्तापूर्ण कौशल प्रशिक्षण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य कौशल नीति-2025 जारी की है। इसके अलावा हाल ही में राजस्थान युवा नीति-2025 की अधिसूचना भी जारी की गई है।

658 स्टार्टअप्स को 22.48 करोड़ रुपये की फंडिंग

केन्द्र एवं राज्य पोषित कौशल विकास योजनाओं के तहत प्रदेश के 3.32 लाख युवाओं को 963 कौशल विकास केन्द्रों के माध्यम से आर्थिक क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। युवाओं को उद्यमशीलता से जोड़ने तथा नए उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहन देने के लिए प्रदेश में 658 स्टार्टअप्स को 22.48 करोड़ रुपये की फंडिंग उपलब्ध करवाई गई है। इसके अतिरिक्त युवा उद्यमियों को व्यवसाय शुरू करने में सहयोग देने के लिए युवा उद्यमिता प्रोत्साहन योजना के तहत 148 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किए गए हैं। इन योजनाओं से प्रदेश में नवोन्मेषी विचारों को आगे बढ़ाने के लिए सकारात्मक वातावरण तैयार हुआ है। अब अधिकाधिक युवा स्वयं का काम शुरू कर आत्मनिर्भर बनने की ओर प्रेरित हुए हैं। स्कूल स्तर पर ही नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए 65 लॉन्च पैड नेस्ट शुरु किए गए हैं। इसमें 1.16 लाख विद्यार्थियों द्वारा पंजीकरण भी करवाया गया है।

प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आर्थिक सहायता

राज्य सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए भी मजबूत सहायता तंत्र तैयार किया है। मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना के माध्यम से सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण कोचिंग उपलब्ध करवाई जा रही है। इस योजना से अब तक 31,127 विद्यार्थियों को 213 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। इससे हजारों युवाओं के सपने साकार हो रहे हैं और प्रतियोगी परीक्षाओं में समान अवसर का मार्ग भी प्रशस्त हो रहा है।

1 हजार 754 खिलाड़ियों को आर्थिक सहायता

प्रदेश के खिलाड़ियों ने खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय-अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने तथा खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने इस वर्ष खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स-2025 का आयोजन किया है। इन खेलों में देशभर के 200 विश्वविद्यालयों के 5 हजार खिलाड़ियों ने 24 खेलों में भाग लिया।

राज्य सरकार द्वारा खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए 1 हजार 754 खिलाड़ियों को लगभग 40 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई है। इस आर्थिक सहायता से विभिन्न खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को संबल मिला है और वे प्रतियोगिताओं की तैयारी बेहतर तरीके से कर पा रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा स्पोर्ट्स लाइफ इन्श्योरेन्स स्कीम शुरू कर अन्तरराष्ट्रीय पदक विजेताओं को श्रेणीवार 25 लाख रुपये तक का दुर्घटना व जीवन बीमा कवरेज देने का प्रावधान भी किया गया है।

4.13 लाख युवाओं को बेरोजगारी भत्ता

आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं के लिए मुख्यमंत्री युवा संबल योजना बड़ी राहत साबित हुई है। इस योजना के तहत हाल ही में 2.16 लाख नई स्वीकृतियां जारी की गई हैं। गत दो वर्षों में प्रदेश के 4.13 लाख युवाओं को 1155.20 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता ने रोजगार की तलाश में लगे युवाओं को संबल दिया है और उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद की है।

1 लाख 53 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रियाधीन

वर्तमान सरकार युवाओं के लिए अधिकाधिक रोजगार के अवसर सुलभ करवाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। गत दो वर्षों में विभिन्न राजकीय विभागों में 90 हजार 639 पदों पर नियुक्तियां देकर स्थायी और सुरक्षित रोजगार उपलब्ध करवाया गया है। वर्तमान में 1 लाख 53 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रियाधीन है। इनमें से 20 हजार पदों पर शीघ्र ही नियुक्तियां दी जाएंगी।

युवाओं को एक ही छत के नीचे रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से प्रदेश भर में रोजगार सहायता शिविरों का आयोजन किया गया है। शिविरों में आमंत्रित निजी कम्पनियों द्वारा युवाओं का मौके पर ही इंटरव्यू लेकर नौकरी के लिए चयन किया गया। साथ ही विभिन्न सरकारी योजनाओं और स्वरोजगार के लिए मार्गदर्शन भी प्रदान किया गया। विभिन्न जिलों में इस प्रकार के 410 रोजगार सहायता शिविरों के आयोजन से लगभग 1.11 लाख बेरोजगार अभ्यर्थियों का रोजगार के लिए प्राथमिक चयन किया गया है।

राज्य सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थियों को रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर नियमों में आवश्यक संशोधन भी किए हैं। हाल ही राज्य सरकार द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थियों के लिए संवेदनशील निर्णय लेते हुए आरक्षित सूची से प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थियों के नामों की अनुशंसा का समय 6 माह के स्थान पर एक वर्ष किया है। इस संशोधन से एक ही भर्ती में अधिक संख्या में अभ्यर्थियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजीव

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