दशलक्षण महापर्व शुरु: 10 दिनों तक दिगम्बर जैन मंदिरों में रहेगी धूम
जयपुर, 8 सितंबर (हि.स.)। दिगम्बर जैन धर्मावलंबियों का दशलक्षण महापर्व रविवार से शुरू हुआ। पहले दिन वीतराग धर्म का पहला लक्षण उत्तम क्षमा भक्ति भाव से मनाया गया। वही सोमवार को वीतराग धर्म का उत्तम मार्दव लक्षण मनाया जाएगा।
राजस्थान जैन युवा महासभा के प्रदेश महामंत्री विनोद जैन कोटखावदा ने बताया कि दिगम्बर जैन मंदिरों में प्रातः श्री जी के अभिषेक, शांतिधारा के बाद दशलक्षण धर्म की विधान मंडल पर अष्ट द्रव्य से पूजा अर्चना की गई। चातुर्मास स्थलों पर संतो ने उत्तम क्षमा पर प्रवचन दिया।
क्षमा ग्रहण करने से इस भव के साथ अगले जन्म में भी सुख मिलता है। गाली सुनकर भी जिसके ह्दय में खेद उत्पन्न न हो वह उत्तम क्षमावान है। क्रोध का अभाव क्षमा है। इसलिए कहा गया है कि क्षमा वीरस्य भूषणम् अर्थात क्षमा वीरों का आभूषण है। अत: मनुष्य को जीवन में कभी भी क्रोध नहीं करना चाहिए। सायंकाल आरती एवं प्रतिक्रमण के आयोजन हुए।
विनोद जैन के मुताबिक श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र चूलगिरी पर भगवान पार्श्वनाथ के अभिषेक, शांतिधारा के बाद सामूहिक पूजा अर्चना की गई।
मीरामार्ग के सैक्टर 9 स्थित सामुदायिक केन्द्र पर मुनि प्रणम्य सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में दशलक्षण महापर्व मनाया गया। इस मौके पर दस दिवसीय स्व धर्म श्रावक संस्कार साधना शिविर का शुभारंभ हुआ जिसमें पूरे देश से बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण शामिल हुए।
अध्यक्ष सुशील पहाड़िया एवं मंत्री राजेन्द्र सेठी ने बताया कि शिविर में प्रातः 5 बजे से रात्रि साढ़े 8 बजे तक आत्म साधना के साथ पूजा भक्ति के विशेष आयोजन किए गए।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश
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