जनजाति उत्थान और आंचलिक विकास का बेहतर स्वरूप दर्शाने समर्पित भाव से निभाएं दायित्व : राज्यपाल

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जनजाति उत्थान और आंचलिक विकास का बेहतर स्वरूप दर्शाने समर्पित भाव से निभाएं दायित्व : राज्यपाल


जयपुर/बांसवाड़ा , 20 सितंबर (हि.स.)। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने जनजातियों के सर्वांगीण उत्थान के लिए जागरुकता और शैक्षिक विकास की भूमिका को अहम् बताते हुए बुनियादी शिक्षा में सुधार तथा प्राथमिक शिक्षा को बेहतर स्वरूप प्रदान करने की आवश्यकता जताई ।इसके लिए शिक्षा विभाग को सार्थक प्रयास करने के निर्देश दिए हैं।

राज्यपाल ने शुक्रवार को गोविन्द गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय के कांफ्रेंस हॉल में जिलास्तरीय अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह निर्देश दिए। राज्यपाल ने आंचलिक विकास से संबंधित विभिन्न योजनाओं और गतिविधियों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन में सम्पूर्ण सफलता अर्जित करने पर जोर दिया और कहा कि इसके लिए शत-प्रतिशत लक्ष्यों को पूरा करते हुए यह अच्छी तरह सुनिश्चित किया जाए कि कोई घर स्वच्छ शौचालय से वंचित न रहे और घर-घर इनकी उपयोगिता की उपलब्धि सामने आए।

राज्यपाल ने विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों की बिन्दुवार समीक्षा करते हुए लोक कल्याणकारी गतिविधियों और क्षेत्रीय विकास कार्यों में रफ्तार लाने के निर्देश देते हुए केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ अधिकाधिक पात्रजनों तक पहुंचाने पर जोर दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के शेष रहे कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने, जल जीवन मिशन की गतिविधियों के बेहतर संपादन, सौर ऊर्जा से संबंधित कार्यों में तेजी लाने, सॉयल हैल्थ कार्ड योजना में काश्तकारों की अधिकाधिक भागीदारी बढ़ाने, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के बारे में किसानों में जागरुकता संचार, राष्ट्रीय सिकलसेल एनीमिया कार्यक्रम, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के बेहतर क्रियान्वयन, गुजरात सीमा से सटे होने की वजह से उद्यान विकास गतिविधियों के प्रति किसानों को प्रेरित करने, आदि के निर्देश प्रदान किए।

राज्यपाल ने आद्याशक्ति से संबंधित अभियान, साक्षरता अभियान, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम सहित तमाम अभियानों और कार्यक्रमों के बेहतर संपादन एवं उपलब्धिमूलक क्रियान्वयन पर जोर देते हुए अधिकारियों से कहा कि वे विद्यालयों में बनने वाले पोषाहार की गुणवत्ता सुनिश्चित करने पर फोकस करते हुए इनसे संबंधित कार्यों की जांच के लिए नियमित निरीक्षणों पर जोर दें और यह सुनिश्चित करें कि बच्चों को पौष्टिक आहार मिलता रहे।

उन्होंने पशुपालन गतिविधियों पर ध्यान देते हुए दुग्ध उत्पादन मेंं अभिवृद्धि के सार्थक प्रयास करने और दुग्ध उत्पादक पशुपालकों का जीवनस्तर सुधारने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने किसानों और पशुपालकों के आर्थिक विकास को जनजाति उत्थान का सशक्त माध्यम बताते हुए इनसे संबंधित गतिविधियों पर फोकस करने के लिए भी कहा और विश्वास जताया कि इनसे शैक्षिक, सामाजिक और आर्थिक उन्नयन को अच्छा सम्बल प्राप्त होगा।

जिला कलक्टर डॉ. इन्द्रजीत यादव ने जिले की योजनाओं और कार्यक्रमों तथा सम सामयिक विकास गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने अपने-अपने विभाग की येजनाओं और कार्यक्रमों की उपलब्धियों तथा गतिविधियों की प्रगति से अवगत कराया।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

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