गांधी मैदान में मना देश का सबसे बड़ा राखी महोत्सव : बहनें लाई 31 फीट की विशाल राखी
जोधपुर, 19 अगस्त (हि.स.)। गांधी मैदान के विशाल प्रांगण में श्रद्धालु भाई-बहिनों ने सोमवार को राखी पर्व के पावन अवसर पर राष्टï्र संंत महोपाध्याय ललितप्रभ सागर महाराज, संत चन्द्रप्रभ महाराज और मुनि शांतिप्रियसागर महाराज के सान्निध्य में रक्षाबंधन महोत्सव मनाने का आनन्द उठाया। जब गुरुजनों ने सर्वप्रथम श्रद्धालु बहिनों को 31 फिट की विशाल राखी मंच पर लाने का अवसर दिया तो सैकड़ों बहिनें भाव-विह्वïल होकर विशाल राखी मंच पर लेकर आईं और सजल आँखों से संबोधि धाम के ट्रस्ट मंडल को राखी समर्पित की। पूरे पांडाल में श्रद्धा, भक्ति और प्रेम का अद्भुत माहौल बन गया। फिर सभी सत्संगप्रेमियों को गुरुजनों ने मंत्रित किए हुए रक्षासूत्र प्रदान किए।
श्रद्धालुओं ने एकदूजे को रक्षासूत्र बाँधकर राखी की बधाईयाँ देते हुए सबके मंगलमय जीवन की कामना की। समारोह में पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं पाली के सांसद पी.पी. चौधरी एवं बैतूल के पूर्व विधायक निलय डागा विशेष रूप से उपस्थित थे।
इस अवसर पर दार्शनिक संत चन्द्रप्रभ महाराज ने कहा कि रक्षाबंधन प्रेम का पर्व है। प्रेम न हो तो जीवन नीरस हो जाता है और प्रेम हो तो मरुस्थल भी मरुधान बन जाता है। उन्होंने कहा कि राम के समय मर्यादा का मार्ग था, कृष्ण के समय कर्मयोग की प्रेरणा थी, महावीर के समय अहिंसा उपयोगी थी, पर आज के समय में इंसान की हर समस्या का समाधान एकमात्र प्रेम के मार्ग से संभव है।
उन्होंने कहा कि अब हर परिवार, समाज और देशों के बीच प्रेम की आवश्यकता है। प्रेम तो उस सूई की तरह है जो टूट चुके रिश्तों को सांधने का काम करती है। जिस घर में प्रेम और मौहब्बत है वहाँ लक्ष्मी तो छोड़ो महावीर और महादेव भी आने के लिए मजबूर हो जाते हैं। प्रेम से बढक़र कोई धर्म नहीं-संत श्री ने कहा कि प्रेम से बढक़र न तो कोई धर्म है न कोई पुण्य।
हिन्दुस्थान समाचार / सतीश / ईश्वर
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