खनिज रॉक फॉस्फेट में राजस्थान का लगभग एकाधिकार, उत्पादकता और आपूर्ति बढाएं आरएसएमएम: मुख्य सचिव

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खनिज रॉक फॉस्फेट में राजस्थान का लगभग एकाधिकार, उत्पादकता और आपूर्ति बढाएं आरएसएमएम: मुख्य सचिव


जयपुर, 18 दिसंबर (हि.स.)। मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास ने राजस्थान स्टेट माइंस एंड मिनरल्स लिमिटेड (आरएसएमएम) की खदानों में खनिज उत्पादन में वृद्धि करने और विपणन व्यवस्था को अधिक प्रभावी व आक्रामक बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान देश का प्रमुख राज्य है, जहां कृषि उपयोग में आने वाला रॉक फॉस्फेट प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। ऐसे में विदेशों से आयात पर निर्भरता घटाने और डीएपी व एसएसपी उर्वरक निर्माताओं को अधिकतम आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ठोस और योजनाबद्ध प्रयास किए जाने चाहिए।

गुरुवार को सचिवालय में आयोजित आरएसएमएम की समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में नवंबर माह तक कंपनी द्वारा रॉक फॉस्फेट, लिग्नाइट, जिप्सम और लाइमस्टोन सहित कुल 43.15 लाख टन खनिज का उत्पादन किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि रॉक फॉस्फेट और जिप्सम का उत्पादन बढ़ाकर खेती-किसानी को मजबूती दी जा सकती है, जिससे आरएसएमएम का कृषि क्षेत्र में योगदान और अधिक प्रभावी होगा। साथ ही लाइमस्टोन और लिग्नाइट उत्पादन में भी बढ़ोतरी की आवश्यकता पर बल दिया।

श्रीनिवास ने खनन गतिविधियों में आधुनिक तकनीकों के उपयोग पर जोर देते हुए कहा कि इससे खनन के दौरान होने वाली क्षति कम होगी और सतत खनन (सस्टेनेबल माइनिंग) को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने सुरक्षा मानकों के सख्त पालन, उत्पादकता बढ़ाने और लाभदायकता सुधारने के निर्देश भी दिए। साथ ही समय पर ऑडिट पूरा कर वार्षिक साधारण सभा आयोजित करने को कहा।

बैठक में प्रमुख सचिव माइंस टी. रविकांत ने जानकारी दी कि आरएसएमएम द्वारा उदयपुर के झामरकोटड़ा में रॉक फॉस्फेट, बाड़मेर और नागौर में लिग्नाइट, जैसलमेर के सानू क्षेत्र में एसएमएस ग्रेड लाइमस्टोन तथा नागौर में व्हाइट सीमेंट व केमिकल ग्रेड लाइमस्टोन का खनन किया जा रहा है। बीकानेर के ढाणी अब्दुल्लाह, बलार और लारेवाला क्षेत्रों में जिप्सम का उत्पादन जारी है। इसके अलावा विविधीकरण के तहत जैसलमेर में 106.3 मेगावाट क्षमता के विंड पावर प्लांट का संचालन भी किया जा रहा है।

आरएसएमएम की प्रबंध निदेशक प्रज्ञा केवलरमानी ने बताया कि नवंबर माह तक कंपनी ने 1192 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार किया है और 337 करोड़ रुपये से अधिक का कर-पूर्व लाभ अर्जित किया है। इस अवधि में रॉक फॉस्फेट से 797 करोड़ रुपये, जिप्सम से 3.62 करोड़ रुपये, लाइमस्टोन से 177.91 करोड़ रुपये और लिग्नाइट से 140.85 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ। वहीं विंड व सोलर ऊर्जा तथा अन्य क्षेत्रों से 73.51 करोड़ रुपये की आय दर्ज की गई।

उन्होंने मानव संसाधन की कमी की ओर ध्यान दिलाते हुए बताया कि शीघ्र ही नई भर्तियों की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। वहीं कार्यकारी निदेशक कीर्ति राठौड़ ने बताया कि आरएसएमएम द्वारा कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) के अंतर्गत वर्ष 2024-25 में स्वास्थ्य, शिक्षा, आधारभूत संरचना और जल संरक्षण से जुड़ी गतिविधियों के लिए 12.90 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

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