काजरी : थार के किसानों की तकदीर बदल रही अनार की खेती
विदेशों में बढ़ी डिमांड, सालाना 10 अरब रुपये से ज्यादा का व्यापार
जोधपुर, 18 दिसम्बर (हि.स.)। राजस्थान के पश्चिमी इलाके, जहां कभी पानी की कमी से लोग तरसते थे, अब वहां के किसान अपनी मेहनत से नई सफलता की कहानी लिख रहे हैं। विपरीत हालातों के बावजूद, थार के किसानों ने अनार की खेती में कमाल कर दिखाया है। यहां उगाए जाने वाले अनार की डिमांड न सिर्फ देश के विभिन्न हिस्सों में है, बल्कि नेपाल, बांग्लादेश, ईरान, अमेरिका, चीन और फ्रांस जैसे देशों में भी खूब है। हालांकि, जलवायु परिवर्तन की वजह से असमय बारिश, लंबे सूखे और तापमान में अचानक बदलाव ने किसानों को फसल रोगों और उत्पादन में नुकसान की चुनौतियां दी हैं। लेकिन जोधपुर स्थित केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) के वैज्ञानिकों ने अनार पर किए जा रहे शोध से नई राह दिखाई है।
उच्च गुणवत्ता वाले अनार का उत्पादन :
डॉ. ओपी मीणा के नेतृत्व में पोषक तत्व प्रबंधन पर चल रहे प्रयोगों से इस साल उच्च गुणवत्ता वाले अनार का शानदार उत्पादन हुआ है, जो स्थानीय मिट्टी, पानी और पर्यावरण को ध्यान में रखकर किया गया। काजरी के विभागाध्यक्ष डॉ. धीरज सिंह बताते हैं कि अगर किसान वैज्ञानिक तरीके से पोषक तत्व और जल प्रबंधन अपनाएं, साथ ही मौसम पूर्वानुमान के आधार पर समय पर दवाओं का छिडक़ाव करें, तो बेहतर गुणवत्ता और ज्यादा पैदावार हासिल की जा सकती है। काजरी के संस्थान के कार्यवाहक निदेशक डॉ. एसपीएस तंवर ने कहा कि काजरी किसानों को लगातार प्रशिक्षण देता रहा है और भविष्य में जलवायु परिवर्तन के अनुरूप और उन्नत ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि बदलते मौसम में भी सफलता मिल सके। विशेषज्ञों का कहना है कि यह शोध थार के किसानों के लिए वरदान साबित होगा, जो न सिर्फ उत्पादन बढ़ाएगा बल्कि उनकी आय में भी जबरदस्त इजाफा करेगा।
अनार की खेती का रकबा अब 17 हेक्टेयर ज्यादा, विदेशी में मांग :
प्रदेश भर में अनार की खेती का रकबा अब 17 हेक्टेयर ज्यादा है। इनमें से 15 हजार हेक्टेयर से ज्यादा एरिया तो बाड़मेर, जालोर और जोधपुर जिले में ही है। प्रदेश के अन्य जिले के किसान बाकी दो हजार के करीब हेक्टेयर में अनार की खेती कर रहे हैं। प्रदेश में अनार उत्पादन करीब 156844 टन हो रहा है। थार के अनार की नेपाल, बांग्लादेश, ईरान, यूएसए, चीन, फ्रांस में सर्वाधिक सप्लाई की जाती है। देश में सबसे ज्यादा अनार उत्पादन महाराष्ट्र में होता है। इसके बाद राजस्थान और गुजरात में अनार का उत्पादन ज्यादा होता है। राजस्थान में भी बाड़मेर-बालोतरा जिले इसके उत्पादन में आगे हैं। अनार का सालाना करीब 10 अरब रुपए का व्यापार होता है।
तीन साल में देना शुरू कर देता है फल
अनार का पौधा तीसरे साल से फल देना शुरू कर देता है और 20 साल तक चलता है। एक पौधे से सालाना 30 किलो तक अनार मिल सकता है। कृषि विभाग सब्सिडी भी देता है, और एक हेक्टेयर में 800 पौधे लगाए जा सकते हैं। बाजार में इसकी कीमत 30 से 150 रुपए प्रति किलो तक होती है, जो गुणवत्ता और रंग पर निर्भर करती है। थार के किसान अब रेगिस्तान को हरा-भरा बनाकर अपनी किस्मत बदल रहे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / सतीश

