एसआई भर्ती घोटाला: हस्ताक्षर-हैंडराइटिंग से खुल रहे फर्जीवाड़े के राज
जयपुर, 15 दिसंबर (हि.स.)। उप निरीक्षक (एसआई) भर्ती परीक्षा में पेपर लीक और डमी अभ्यर्थी बैठाकर परीक्षा पास कराने के मामले में विशेष अभियान चलाते हुए स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) गहन जांच में जुटी है। अब तक गिरफ्तार सभी अभ्यर्थियों के दस्तावेज की बारीकी से पड़ताल की जा रही है। परीक्षा केंद्र पर लिए गए फोटो, हैंडराइटिंग और हस्ताक्षरों का वर्तमान रिकॉर्ड से मिलान किया जा रहा है। संदेह की स्थिति में तकनीकी विश्लेषण और फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री (एफएसएल) से जांच कराई जा रही है।
एसओजी के एडीजी विशाल बंसल ने बताया कि इस प्रकरण में अब तक कुल 137 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें 63 प्रशिक्षु उप निरीक्षक और 6 चयनित उप निरीक्षक शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जांच केवल पेपर लीक तक सीमित नहीं है, बल्कि डमी अभ्यर्थी बैठाकर परीक्षा पास कराने के पूरे नेटवर्क की पड़ताल की जा रही है।
एडीजी बंसल के अनुसार राजस्थान लोक सेवा आयोग से भर्ती से जुड़ा पूरा रिकॉर्ड मंगवा कर उसका लगातार विश्लेषण किया जा रहा है। जांच के दौरान कुछ अभ्यर्थियों के रिकॉर्ड संदिग्ध पाए गए। परीक्षा देने वाले व्यक्ति और नौकरी कर रहे व्यक्ति की फोटो, हैंडराइटिंग व हस्ताक्षर में अंतर मिलने पर एफएसएल से जांच कराई गई। एफएसएल रिपोर्ट में जहां पुष्टि हुई कि दोनों अलग-अलग व्यक्ति हैं, वहां उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने बताया कि दस्तावेज की जांच दो चरणों में की जा रही है। पहले चरण में एसओजी अधिकारी प्रारंभिक स्क्रूटनी करते हैं और संदेह होने पर दूसरे चरण में एफएसएल जांच कराई जाती है। यह प्रक्रिया भले ही समय लेने वाली और मेहनत भरी हो, लेकिन हर एक अभ्यर्थी के दस्तावेज की जांच सुनिश्चित की जा रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

