युवा कांग्रेस ने अरावली पर्वतमाला को सेंसिटिव इकोलॉजिकल ज़ोन घोषित करने की मांग की

WhatsApp Channel Join Now
युवा कांग्रेस ने अरावली पर्वतमाला को सेंसिटिव इकोलॉजिकल ज़ोन घोषित करने की मांग की


जयपुर, 30 दिसंबर (हि.स.)। युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु चिब ने सुप्रीम कोर्ट और केन्द्र सरकार से अरावली पर्वतमाला को सेंसिटिव इकोलॉजिकल ज़ोन घोषित करने की मांग की है।

उन्होंने आराेप लगाते हुए कहा कि अरावली मुद्दे पर केंद्र सरकार अपने उद्योगपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए हेराफेरी कर सकती है, इसलिए सभी को सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अरावली हमारी संस्कृति का प्रतीक है और इसे खत्म नहीं होने दिया जाएगा। इस लड़ाई के लिए युवा कांग्रेस पूरी तरह तैयार है।

मंगलवार को जयपुर में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए उदय भानु चिब ने कहा कि अरावली क्षेत्र डेढ़ अरब वर्ष से भी अधिक पुराना है, जिसे खत्म करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में ऐसा प्रस्ताव भेजा, जिसमें 100 मीटर से कम ऊंचाई की पहाड़ियों को अरावली क्षेत्र से बाहर करने की बात कही गई।

उन्होंने कहा कि अरावली की लगभग 90 प्रतिशत पहाड़ियां 100 मीटर से कम ऊंचाई की हैं। पहले अवैध खनन पर नजर रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट के अधीन एक कमेटी थी, लेकिन मौजूदा सरकार ने उसे खत्म कर अपनी नई कमेटी बना दी, जिसने यह प्रस्ताव तैयार कर सुप्रीम कोर्ट को भेजा।

राजस्थान और देशभर की जनता ने इस फैसले का विरोध किया, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश पर रोक लगाई। अब 21 जनवरी को इस मामले की दोबारा सुनवाई होगी।

चिब ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा कि पहले मंत्री यह कहते रहे कि ऐसा कोई मामला नहीं है और कांग्रेस जनता को गुमराह कर रही है, लेकिन अब उनका झूठ सामने आ चुका है।

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी, लेकिन भाजपा सरकार की गतिविधियों पर नजर रखनी होगी, क्योंकि यह सरकार किसी न किसी तरीके से फिर से हेराफेरी कर अरावली क्षेत्र में खनन की अनुमति दे सकती है।

चिब ने बताया कि 7 से 20 जनवरी तक अरावली को लेकर राजस्थान के विभिन्न जिलों में पदयात्राएं और रैलियां प्रस्तावित थीं, लेकिन अब 21 जनवरी की सुनवाई का इंतजार किया जा रहा है। इसके बाद आंदोलन को तेज किया जाएगा। अरावली क्षेत्र से जुड़े 20 जिलों में रैलियां और नुक्कड़ सभाएं लगातार जारी रहेंगी।

उन्होंने अरावली आंदोलन में साथ देने वाले सिविल सोसाइटी, सामाजिक संगठनों और आम जनता का आभार जताया।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / रोहित

Share this story