सेना के लिए योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, आंतरिक शांति और शक्ति एक गहन यात्रा

सेना के लिए योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, आंतरिक शांति और शक्ति एक गहन यात्रा
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सेना के लिए योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, आंतरिक शांति और शक्ति एक गहन यात्रा


जयपुर, 21 जून (हि.स.)। दक्षिण पश्चिमी कमान शुक्रवार को दसवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के वैश्विक समारोह में शामिल हुई, जिसमें इस बात पर जोर दिया गया कि सेना के लिए योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं है; यह आंतरिक शांति और शक्ति एक गहन यात्रा है।

जन संपर्क अधिकारी (रक्षा) कर्नल अमिताभ शर्मा के अनुसार दक्षिण पश्चिमी कमान के विभिन्न स्टेशनों पर एक सप्ताह तक योग दिवस समारोह आयोजित किए गए, जहां यूनिट और फॉर्मेशन स्तरों पर कई कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें समाज के सभी वर्गों के साथ-साथ सभी सैनिकों और उनके परिवारों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। जयपुर के अल्बर्ट हॉल और हनुमान नगर एक्सटेंशन पार्क में आयोजित योग सत्र में क्रमशः लगभग 500 एनसीसी कैडेट, 110 पूर्व सैनिक और 150 नागरिक शामिल हुए। आर्मी पब्लिक स्कूल, जयपुर और लालगढ़ जाटान और राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल, धौलपुर में भी विशेष रूप से युवाओ के लिए योग सत्र आयोजित किए गए।

दक्षिण पश्चिमी कमान के सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ ने स्वयं सप्त शक्ति कमान मुख्यालय में योग सत्र का नेतृत्व किया और इस बात पर जोर दिया कि योग भारत की परंपरा का एक अमूल्य उपहार है, जो सदियों के अध्ययन और अभ्यास से विकसित हुआ है। यह मन और शरीर, विचार और क्रिया, संयम और पूर्ति, मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य और स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण का प्रतीक है। उन्होंने उपस्थित सभी लोगों से अपनी जीवनशैली बदलने और समाज के समग्र कल्याण के लिए योग चेतना पैदा करने का आग्रह किया। योग अनुशासन पैदा करता है, ध्यान केंद्रित करता है और मानसिक स्पष्टता को बढ़ावा देता है। इस अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सभी सेना कर्मियों और रक्षा नागरिकों ने अपने जीवन में योग की प्राचीन परंपरा को शामिल करने की शपथ ली।

सेना ने परिवर्तनकारी क्षमता को पहचानते हुए अपने प्रशिक्षण कार्यक्रमों में योगा को बढ़ावा दिया है। सैनिकों की क्षमताओ में सुधार, तनाव को कम करने और मानसिक चपलता को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किए गए विशेष योग सत्रों से गुजरते हैं, जो उन्हें एकाग्र मन और चुस्त शरीर के साथ आधुनिक युद्ध की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करते हैं। इस वर्ष, वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच, सेना योग के अभ्यास के माध्यम से शांति और लचीलेपन को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है।

हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/ईश्वर

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