जयपुर शहर के चार राजमार्गों पर सेटेलाइट अस्पताल बनाने के काम की गति धीमी पड़ी

जयपुर शहर के चार राजमार्गों पर सेटेलाइट अस्पताल बनाने के काम की गति धीमी पड़ी
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जयपुर शहर के चार राजमार्गों पर सेटेलाइट अस्पताल बनाने के काम की गति धीमी पड़ी


जयपुर, 7 फ़रवरी (हि.स.)। सड़क हादसों में होने वाली मौतों पर लगाम लगाने के लिहाज से राजधानी जयपुर से जुड़े प्रमुख मार्गो पर बनने वाले सेटेलाइट अस्पतालों के काम की गति धीमी पड़ गई है। वित्त विभाग के नई निविदा, टेंडर के बाद शुरू नहीं हुए काम सहित अन्य कामों पर रोक के आदेश से इन सेटेलाइट अस्पतालों का काम रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। इस अस्पतालों के पीछे सरकार की मंशा थी कि सड़क हादसों में घायल लोगों को जल्द मेडिकल सुविधा देकर उनकी जान बचाई जा सके। हालांकि इसके लिए जमीन चिन्हित करने सहित अन्य काम हो चुके है।

यह है वर्तमान स्थिति

आगरा रोड पर शिवदासपुरा में सेटेलाइट अस्पताल बनाने का काम शुरू हो चुका है, लेकिन काम के दौरान ली जाने वाली वित्तीय स्वीकृतियों के चलते इसका काम गति नहीं पकड़ पा रहा है। अजमेर रोड पर बालमुकुंदपुरा में सेटेलाइट अस्पताल की भूमि की चारदीवारी की जा चुकी है, लेकिन अब काम मंद पड़ चुका है। कानोता और अचरोल के सेटेलाइट अस्पताल का काम फिलहाल शुरू नहीं हो पाया है।

एसएमएस अस्पताल पर कम होगा भार

चार प्रमुख राजमार्गो पर इन अस्पतालों के बनने से एसएमएस अस्पताल पर भी मरीजों का भार कम होगा। सवाई मानसिंह अस्पताल में प्रदेश ही देश के अन्य राज्यों से भी इलाज के लिए मरीज आ रहे है। ऐसे में अस्पताल पर लगातार भार बढ़ता जा रहा है। शहर प्रमुख चार राजमार्गो पर जेडीए सेटेलाइट अस्पताल बनाने की दिशा में काम तो शुरू हो चुका है, लेकिन सरकार के आदेश से इनका काम धीमा पड़ गया।

100 करोड़ रुपए किए जाएंगे खर्च

जेडीए ने दिल्ली, आगरा , टोंक और अजमेर रोड पर चार सेटेलाइट हॉस्पिटल बनाने के लिए जमीन चिन्हित करने बाद अब उन पर काम करने की तैयारी कर ली थी, लेकिन पहले चुनावी आचार संहिता और फिर नई सरकार के आदेश से काम रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। जेडीए चारों सेटेलाइट अस्पताल बनाने पर करीब 100 करोड़ रुपए खर्च करेगा। चारों अस्पताल जयपुर के एंट्री पाइंट के नजदीक होंगे। सभी सेटेलाइट अस्पताल मेडिकल विभाग की विभिन्न प्रकार की सलाहों के बाद ही बनाया जा रहा है।

इनती भूमि पर बनाए जा रहे अस्पताल

सेटेलाइट अस्पताल के लिए दिल्ली रोड पर अचरोल स्थित साइंस टेक सिटी में 100 फीट रोड पर 10 हजार वर्गमीटर, टोंक रोड पर शिवदासपुरा में रिंग रोड प्रोजेक्ट में 31795.66 वर्गमीटर भूमि, आगरा रोड पर कानोता-बस्सी के बीच में 19157.63 वर्ग मीटर और अजमेर रोड पर बालमुकुंदपुरा में अजमेर रोड से 200 मीटर अंदर 100 फीट रोड पर 9 हजार वर्गमीटर जमीन उपयोग में ली जा रही है।

चारों हाइवे पर बस स्टेंड भी बनाने की तैयारी

जेडीए ने दिल्ली, आगरा, टोंक और अजमेर रोड पर बस स्टेंड बनाने की योजना पर भी काम कर रहा है। इसके लिए कुछ स्थानों पर भूमि भी चिन्हित कर ली गई है। दिल्ली रोड पर अचरोल में साइंस टेक सिटी योनजा में बस स्टेंड के लिए जगह देने भी योजना है। खास बात यह है कि राज्य में नई सरकार बनने के बाद जेडीए के इस काम पर भी ग्रहण सा लग गया है।

इस संबंध में जेडीए जोन-13 के एक्सईएन मोहित चौधरी ने बताया कि अचरोल और आगरा रोड पर कानोता में बनने वाले सेटेलाइट अस्पताल का काम वित्त विभाग के काम के चलते शुरू नहीं हो पाया है। इन दोनों की फाइल को वित्त विभाग को सक्षम स्वीकृति के लिए भेजा गया है। कानोता में बनने वाले सेटेलाइट अस्पताल के नक्शे और भूमि को लेकर कुछ इश्यू था इसके लिए मेडिकल विभाग से अनुमति मांगी गई थी जो कि अब अप्रूव हो चुकी है। अचरोल वाले का टेंडर वित्त विभाग के आदेश के चलते अटक गया।

जेडीए रिंग रोड द्वितीय एक्सईएन अविनाश शर्मा के अनुसार शिवदासपुरा में सेटेलाइट अस्पताल का काम प्रगति पर है। वित्त विभाग के आदेश से काम धीमा जरुर हुआ है, लेकिन अनवरत जारी है।

हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश मीणा/ईश्वर

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