महर्षि दयानंद के विचारों से ही विश्व कल्याण संभव: डॉ. मोक्षराज
अजमेर,13 फ़रवरी(हि. स.)। महान समाज सुधारक महर्षि दयानंद सरस्वती का जन्म टंकारा गांव में तथा निर्वाण अजमेर में हुआ । भारत उस महापुरुष की 200वीं जयंती मना रहा है। इस उपलक्ष्य में 10, 11 एवं 12 फ़रवरी को गुजरात के टंकारा गांव में उनका भव्य जन्मोत्सव मनाया गया । इस कार्यक्रम में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सहित योग गुरु स्वामी रामदेव, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल आदि सम्मिलित हुए तथा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस समारोह को वर्चुअल संबोधित किया ।
समारोह में विशिष्ट वक्ता के रूप में बोलते हुए अजमेर के डॉ. मोक्षराज ने कहा कि विश्व का कल्याण महर्षि दयानंद के विचारों से ही संभव है । महर्षि दयानंद समस्त मत-मज़हब, नस्लवाद, जाति-पाति के भेदभाव तथा धार्मिक पाखंडों के विरोधी थे । वे संपूर्ण प्राणियों के साथ-साथ प्रत्येक मानव का कल्याण चाहते थे।
टंकारा से लौटे डॉ. मोक्षराज ने यह भी बताया कि गुजरात सरकार एवं देश-विदेश की आर्यसमाजों के सहयोग से राजकोट मौरवी मार्ग पर टंकारा में 15 एकड़ भूमि पर विशाल स्मारक के रूप में एक विलक्षण ज्ञान तीर्थ बनाया जाएगा ।
उल्लेखनीय है कि इस समारोह में अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, मॉरीशस, सूरीनाम, गयाना, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार आदि देशों तथा भारत के विभिन्न प्रांतों से लगभग 80 हज़ार लोगों ने भाग लिया।
राजस्थान से भी इस समारोह में हज़ारों आर्यसमाजी पहुंचे । जिनमें आर्य प्रतिनिधि सभा राजस्थान के प्रधान किशन लाल गहलोत, मंत्री जीव वर्धन शास्त्री, उपप्रधान अशोक आर्य, परोपकारी सभा के प्रधान सत्यानंद आर्य, सभा मंत्री जयसिंह गहलोत, महर्षि दयानंद सत्यार्थ प्रकाश न्यास नवलखा महल के अध्यक्ष अशोक आर्य तथा डॉ. वेदपाल आर्य आदि प्रमुख पदाधिकारी सम्मिलित थे।
हिंदुस्तान समाचार/ दिनेश/संदीप
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