(राज विस चुनाव) राजस्थान में वोटिंग शनिवार को, 5.26 करोड़ मतदाता करेंगे 1862 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला

(राज विस चुनाव) राजस्थान में वोटिंग शनिवार को, 5.26 करोड़ मतदाता करेंगे 1862 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला
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(राज विस चुनाव) राजस्थान में वोटिंग शनिवार को, 5.26 करोड़ मतदाता करेंगे 1862 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला


जयपुर, 24 नवंबर (हि.स.)। राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को राज्य की 200 में से 199 सीटों पर 5 करोड़ 26 लाख 90 हजार 146 मतदाता चुनावी समर में डटे 1862 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। इनमें 183 महिला उम्मीदवार भी हैं। मतदान सुबह 7 से शाम 06 बजे तक चलेगा। चुनाव आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारियों के सहयोग से जिलों में शांतिपूर्ण मतदान के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए हैं।

सत्तारूढ़ कांग्रेस यह चुनाव रिवाज बदलने के लिए लड़ रही है, जबकि भाजपा कानून व्यवस्था, पेपरलीक, कुर्सी के मोह, उदयपुर के जघन्य कन्हैयालाल हत्याकांड को लेकर आमजन से सरकार बदलने की अपील कर चुकी है। राज्य की 200 सीटों में से 199 पर वोटिंग होगी। श्रीगंगानगर विधानसभा सीट के प्रत्याशी गुरमीत सिंह किन्नर के निधन के चलते यहां चुनाव स्थगित कर दिया गया है। सत्तारूढ़ कांग्रेस ने 198 और भाजपा ने 199 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि 737 निर्दलीय प्रत्याशी भी मैदान में हैं। इनके अलावा बसपा के 185, आम आदमी पार्टी के 86, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के 78, आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के 46, भारत आदिवासी पार्टी के 27, राइट टू रिकॉल पार्टी के 26, इंडियन पीपुल्स ग्रीन पार्टी के 22, अभिनव राजस्थान पार्टी के 21, जननायक जनता पार्टी के 20, बहुजन मुक्ति पार्टी के 18, भारतीय ट्राइबल पार्टी के 17, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्स) के 17, अभिनव लोकतांत्रिक पार्टी, एआईएमआईएम और भीम ट्राइबल कांग्रेस के 10-10 समेत ढाई दर्जन से अधिक पार्टियों के सैंकड़ों उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।

मतदान में उम्मीदवारों का चयन करने में युवा मतदाताओं की अहम भूमिका रहेगी। प्रदेश में 18 से 30 आयु वर्ग के 1,70,99,334 युवा मतदाता मतदान करेंगे, जिनमें 18-19 आयु वर्ग के 22,61,008 नव मतदाता शामिल हैं। राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए 30 अक्टूबर से नामांकन पत्र जमा करने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। पूरे राज्य में मतदान एक चरण में 25 नंवबर को होगा तथा 3 दिसंबर को मतगणना की जाएगी।

इस चुनाव में कई नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। सरदारपुरा सीट से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, लक्ष्मणगढ़ से पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा, टोंक से पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, झालावाड़ से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, आमेर से सतीश पूनियां, तारानगर से नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, ओसियां से दिव्या मदेरणा, सोजत से निरंजन आर्य, जयपुर में दियाकुमारी के साथ पहली बार सांसद से विधायक प्रत्याशी बनाए गए भाजपा के 7 सांसदों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।

राजस्थान का हाड़ौती इलाका भाजपा का मजबूत गढ़ माना जाता है। पिछले 30 साल से भाजपा कांग्रेस से आगे रहती आई है। इस बार गहलोत के मंत्री शांति धारीवाल ने कोटा में विकास कार्य खूब करवाए। इसके बावजूद वह कड़े मुकाबले में फंसते दिखाई दे रहे हैं। सियासी जानकारों का मानना है कि आरएसएस के प्रभाव की वजह से भाजपा को हर बार फायदा मिलता है। हाड़ौती संभाग में कुल 4 जिले आते हैं, जिनमें कोटा बूंदी और 12 झालावाड़ हैं। इन 4 जिलों में 17 विधानसभा सीटें हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में हाड़ौती के 4 जिलों की कुल 17 सीटों में से भाजपा ने 10 और कांग्रेस ने 7 पर जीत दर्ज की थी, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का झालावाड़ और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला इसी इलाके से आते हैं।

जोधपुर संभाग की लगभग 33 सीटों पर भाजपा-कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला है। मारवाड़ रीजन में जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, पाली, जालोर, सिरोही आदि जिले आते हैं। पिछले चुनाव में कांग्रेस को सफलता मिली थी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जोधपुर से आते हैं। इस बार भाजपा ने बाड़मेर में प्रधानमंत्री मोदी की सभा करवा कर कांग्रेस पर शुरुआती दवाब बनाया है। पिछले चुनाव में बाड़मेर की 10 में से 9 सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। इस बार कांटे का मुकाबला दिख रहा है, हालांकि हनुमान बेनीवाल की पार्टी ने बाड़मेर की ज्यादातर सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया है। कांग्रेस के बड़े नेता हरीश चौधरी बाड़मेर की बायतू सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ईश्वर

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