किताबी ज्ञान की बजाय सर्वांगीण विकास करने वाला हो शिक्षा का स्वरूप :मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा

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किताबी ज्ञान की बजाय सर्वांगीण विकास करने वाला हो शिक्षा का स्वरूप :मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा


किताबी ज्ञान की बजाय सर्वांगीण विकास करने वाला हो शिक्षा का स्वरूप :मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा


जयपुर, 29 जून(हि. स.)। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि शिक्षा हमारे जीवन का आधार है। यह हमें चुनौतियों का मुकाबला करने और सफलता की सीढ़ियां चढ़ने के काबिल बनाती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में पुस्तकीय ज्ञान प्राप्त करने की बजाय विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास की ओर अग्रसर करने वाली शिक्षा की आवश्कता है। शर्मा ने कहा कि शिक्षित व्यक्ति न केवल अपने भविष्य का निर्माण करता है बल्कि राष्ट्र के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है।

शर्मा शनिवार को विद्या भारती राजस्थान की ओर जयपुर में आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने विद्या भारती संगठन के विद्यालयों के 47 विद्यार्थियों, उनके प्रधानाचार्यों और अभिभावकों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभिभावको को बच्चों पर अपनी महत्वाकांक्षाएं थोपने के बजाए उनकी रूचि को पहचान कर आगे बढ़ने का अवसर देना चाहिए तथा विद्यार्थियों को भी असफलता से घबराने की बजाय उनसे सीख लेकर मजूबती से आगे बढ़ना चाहिए।

विद्या भारती संस्कारों की पाठशाला

शर्मा ने कहा कि विद्यार्थियों की प्रतिभा पहचानने और उन्हें निखारने में विद्यालयों की भूमिका महत्वपूर्ण है। विद्या भारती राजस्थान शिक्षा के साथ ही सह शैक्षिक गतिविधियों का आयोजन कर इस भूमिका को सफलतापूर्वक निभा रहा है। उन्होंने कहा कि यह विद्यालय संस्कारो की वह पाठशाला है जहां राष्ट्रभक्ति संस्कृति का सम्मान और सामाजिक समरस्ता के संस्कार दिए जाते है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने नई शिक्षा नीति लागू की है जो रटने की बजाय समझने पर जोर देती है इसमें बच्चों के रचनात्मक कौशल के विकास पर ध्यान दिया जाता है। शर्मा ने कहा कि अब स्कूलों में ही बच्चों को विभिन्न कौशल सिखाये जायेंगे ताकि वे भविष्य में रोजगार के लिए तैयार हो सके।  

शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में प्रतिभाओं को तराशने और उन्हें हर क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए प्रयत्नशील है। राज्य के प्रत्येक संभाग में आईआईटी की तरह राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी तथा एम्स की तर्ज पर राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइस स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज भी शुरू किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सब के लिए सुलभ सस्ती और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करवाने की सोच के साथ प्रदेश सरकार ने कई कदम उठाये है। अल्प आय वर्ग, लघु/सीमांत/बटाईदार किसानों ओर खेतीहर श्रमिकों के बच्चों को केजी से पीजी तक निःशुल्क शिक्षा दी जा रही है। इसके साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के राजकीय विद्यालयों में पढ़ने वाले कक्षा 1 से 8 तक के सभी विद्यार्थियों तथा कक्षा 9 से 12वीं तक की छात्राओं को स्कूल बैग, किताबें तथा यूनिफॉर्म खरीदने के लिए एक-एक हजार रूपयें की सहायता दी जा रही है।

मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि युवाओं का उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार इस वर्ष 70 हजार पदों पर भर्तियां करने जा रही है। भविष्य में भर्ती कैलेण्डर के अनुसार चरणबद्ध रूप से परीक्षाएं आयोजित कर रिक्त पदों को भरा जायेगा। शर्मा ने कहा कि सरकारी नौकरियां देने के साथ राज्य सरकार युवाओं का कौशल विकास कर उन्हें रोजगार के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध करवायेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने मात्र छह माह के कार्यकाल में ही घोषणा पत्र के लगभग 45 प्रतिशत वादे पूरे कर दिए है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी में जिम्मेदार नागरिक होने का कर्त्तव्यबोध होना चाहिए। हम देश और समाज के प्रति हमारे कर्त्तव्य को निभाए और अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति का उत्थान कर पंडित दीनदयाल उपध्याय के अंत्योदय के संकल्प को साकार करे। शर्मा ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ अपने आस पास के प्रत्येक वंचित व्यक्ति तक पहुंचाकर हम देश और प्रदेश के विकास में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, संत रामप्रसाद, विद्या भारती के अखिल भारतीय महामंत्री अवनीश भटनागर, विद्या भारती राजस्थान के अध्यक्ष भरतराम कुम्हार सहित विद्या भारती संगठन के पदाधिकारी तथा बड़ी संख्या में शिक्षक, अभिभावक और विद्यार्थी मौजूद थे।

राजस्थान समाचार/ दिनेश

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