नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को सभी विश्वविद्यालयों मेंं पूरी तरह से लागू किया जाएगा
जयपुर, 14 मई (हि.स.)। राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में रोजगारोन्मुखी कौशल विकास समावेशी कार्यक्रम लागू किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्थानीय उद्योगों एवं विश्वविद्यालय सहभागिता से रोजगारपरक शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने विश्वविद्यालयों में शोध एवं अनुसंधान की गुणवत्ता में सुधार करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को सभी विश्वविद्यालयों मेंं पूरी तरह से लागू किया जाए।
मिश्र मंगलवार को राजभवन में कुलपति समन्वय समिति की बैठक में संबोधित कर रहे थे। बैठक में गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम, विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, मुख्य सचिव सुधांश पंत, चिकित्सा शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह, सामाजिक न्याय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव कुलदीप रांका, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद कुमार, उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव सुबीर कुमार सहित बड़ी संख्या में अधिकारियों ने भाग लिया।
राज्यपाल ने बैठक में कहा कि विश्वविद्यालयों में बायोमेट्रिक/मोबाइल एप आधारित उपस्थिति की व्यवस्था 30 मई तक सभी विश्वविद्यालयों में तत्परता से लागू की जाएगी। चरणबद्ध रूप से यह व्यवस्था विश्वविद्यालय के सभी महाविद्यालयों और संबद्ध कॉलेजों में भी लागू की जाएगी। उन्होंने कहा कि नवगठित विश्वविद्यालयों में संपत्तियों, दायित्वों, भूमि, पेंशन तथा अन्य मुद्दों के लिए कमेटी का गठन कर कार्य किया जाएगा। इसमें संबंधित जिला कलेक्टर भी सम्मिलित होंगे ताकि नए विश्वविद्यालयों से जुड़े मुद्दों का प्रभावी समाधान समय पर हो सके। उन्होंने कहा कि सामाजिक सहभागिता महत्वपूर्ण है। विश्वविद्यालय अब प्रत्येक विश्वविद्यालय पांच-पांच ग्राम गोद लेकर उनके विकास के लिए कार्य करेंगे।
मिश्र ने विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक और अशैक्षणिक रिक्त पदों के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने रिक्त पदों को भरे जाने के लिए भी चरणबद्ध प्रभावी कार्रवाई किए जाने पर जोर दिया। बैठक में विश्वविद्यालय अधिनियमों के प्रावधानों के अनुसार कुलसचिव और वित्त नियंत्रक के पदों पर विज्ञापन के माध्यम से आवेदन प्राप्त कर उन्हें भरे जाने, इन पदों पर लगने वाले प्रशासनिक अधिकारियों के आकर्षण के लिए अतिरिक्त भत्ते के प्रावधान, प्रोत्साहन आदि पर भी चर्चा की गई। राज्यपाल ने कहा कि इन पदों पर ऐसे अधिकारी लगाए जाएं जो विश्वविद्यालय के हित में प्रभावी सेवाएं दें।
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि राजस्थान के विश्वविद्यालय भारत को एक ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के अंतर्गत विश्व गुरु और विश्व शक्ति बनाने की दिशा में कार्य करें। उन्होंने विश्वविद्यालयी शिक्षा के जरिए युवाओं को देश के विकसित भविष्य के लिए कार्य करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालय शिक्षा के जरिए स्थानीय संसाधनों को वैश्विक उत्पादन के रूप में और देश के उपलब्ध मानव संसाधन को राष्ट्र के विकास में लगाने की दिशा में कार्य करे।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों द्वारा गोद लिए गांवों में श्रमदान, लाइफ स्किल प्रशिक्षण प्रारंभ किए जाने, पाठ्यक्रम अद्यतन करने और रेडक्रॉस के साथ समन्वय कर समाजोपयोगी गतिविधियां का अधिकाधिक क्रियान्वयन किए जाने का भी आह्वान किया। उन्होंने विश्वविद्यालयों में एकीकृत प्रबंध व्यवस्था आवश्यक रूप से लागू किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने विभिन्न स्तर पर इस बारे में आने वाली बाधाओं को तत्काल दूर करने की भी हिदायत दी। उन्होंने कहा कि जिन विश्वविद्यालयों की नेक एक्रीडेशन नहीं हुई हैं, वे इसे प्राप्त करने के लिए जल्द से जल्द कार्यवाही करे।
राज्यपाल ने कुलपतियों से आग्रह किया कि वे राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आलोक में उच्च शिक्षा में नवाचार अपनाते हुए विद्यार्थियों में मौलिक शोध और अनुसंधान की दृष्टि विकसित करने की दिशा में कार्य करें। उन्होंने कहा कि सभी यह प्रयास करें कि विश्वविद्यालयों में बहु विषयक और अंतर विषयक अनुसंधान और पठन-पाठन की दिशा में कार्य हो। हर विश्वविद्यालय में इनोवेशन सेंटर, इन्क्यूबेशन सेंटर, नवीन स्टार्टअप के लिए भी निरंतर कार्य हो।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के औद्योगिक घरानों से विचार विमर्श कर कौशल विकास के लिए विश्वविद्यालय विशेष रूप से कार्य करें। बैठक में जिन विश्वविद्यालयों में सौर ऊर्जा उपकरण नहीं लगे हैं, वहां 30 जून तक कार्रवाई किए जाने के भी राज्यपाल ने निर्देश दिए।
विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने अपने अपने विश्वविद्यालयों में किए गए नवाचारों, नई शिक्षा नीति को लागू किए जाने संबंधित प्रयासों, गांव गोद लेकर किए जा रहे कार्यों, शैक्षिक गुणवत्ता के लिए किए जा रहे कार्यों के साथ प्रदेश में विश्वविद्यालयों के तेजी से विकास की आवश्यकताओं के बारे में सुझाव दिए।
बैठक में राज्य सलाहकार मंडल के सदस्य और पूर्व कुलपति, शिक्षाविद प्रो. ए. के. गहलोत ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नवीन निर्देशों के आलोक में रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम और विद्यार्थियों के कौशल विकास से जुड़े विषयों के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया। राज्यपाल के सचिव गौरव गोयल ने कुलपति समन्वय समिति के अंतर्गत प्रस्तावित विषयों के साथ विश्वविद्यालयों द्वारा किए गए कार्यों के बारे में जानकारी दी। बैठक में राज्यपाल के प्रमुख विशेषाधिकारी गोविंद राम जायसवाल सहित अन्य प्रमुख अधिकारियों ने भाग लिया।
हिन्दुस्थान समाचार/दिनेश/संदीप
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