वासुदेव देवनानी का राजनीतिक कद ही नहीं बढ़ा अजमेर का महत्व भी बढ़ गया
अजमेर, 21 दिसम्बर(हि.स.)। अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से लगातार पांचवीं बार चुनाव जीते वासुदेव देवनानी ने विधिवत तौर पर सर्वसम्मति से राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष चुन लिए गए। विधानसभा अध्यक्ष बनने पर राजस्थान की राजनीति में देवनानी का कद ही नहीं बढ़ा अपितु अजमेर जिले का महत्व भी बढ़ गया। इसमें कोई दो राय नहीं कि किसी भी प्रदेश की राजनीति में विधानसभा अध्यक्ष का पद बहुत महत्वपूर्ण होता है। यूं तो देवनानी पिछले 20 वर्षों से विधायक के तौर पर राजस्थान की राजनीति में सक्रिय हैं। इस दौरान वे दो बार राजस्थान सरकार में मंत्री भी रहे। यही कारण है कि उनके बढ़ते कद और महत्व के चलते अध्यक्ष पद पर उनके नाम का समर्थन मुख्यमंत्री भजनलाल के साथ साथ भाजपा की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा आदि ने किया है। सभी ने उम्मीद जताई कि देवनानी विधानसभा अध्यक्ष पद पर आसन रहते सभी दलों के विधायकों के हितों का ख्याल रखेंगे।
गौरतलब है कि वर्तमान में अजमेर उत्तर विधान सभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित वासुदेव देवनानी 11 जनवरी 24 को अपने जीवन के 75 वर्ष पूरे कर लेंगे। यानी आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में उनकी उम्र की भी प्लेटिनम जुबली होगी।
देवनानी वर्ष 2003 से 3008 तक अजमेर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक चुने गए। 31 मई 2004 को उन्हें राजस्थान सरकार में प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च, तकनीकी, कृषि, चिकित्सा एवं संस्कृत शिक्षा, अल्पभाषाई विभाग का राज्य मंत्री बना कर महत्वपूर्ण दायित्व सौंपा गया। देवनानी इस पद पर 2008 तक रहे। फिर चुनाव में जाने पर वर्ष 2008 से 2013 एवं 2013 से 2018 तक वे लगातार दो बार अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए। इस कार्य काल में उन्हें अक्टूबर 2014 से 2018 तक राजस्थान सरकार में प्राथमिक, माध्यमिक शिक्षा एवं भाषा विभाग के स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्री पद का दायित्व सौंपा गया जो भी उन्होंने बखूबी निभाया।
वासुदेव देवनानी 2009 से अक्टूबर 2014 तक राजस्थान विधानसभा की विभिन्न समितियों में अध्यक्ष एवं सदस्य रहे।
अभियांत्रिकी स्नातक इलेक्ट्रिकल वासुदेव देवनानी ने राजनीतिक सफर शुरू करने से पहले विद्या भवन पोलीटेक्निक महाविद्यालय उदयपुर में प्राचार्य पद का दायित्व भी संभाला है। देवनानी बाल्यकाल से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक रहे हैं। चितौड़ प्रान्त प्रचार प्रमुख का पद भार उन्होंने तीन वर्ष तक संभाला है। वर्ष 1968 से विद्यार्थी परिषद में भी उनकी सक्रियता रही है। वे 1970 से 72 तक अजमेर नगर मंत्री व विभाग प्रमुख रहे। 1973 से 74 तक प्रदेश मंत्री इसके बाद 17 वर्ष तक प्रदेश उपाध्यक्ष एवं 6 वर्ष तक प्रदेश अध्यक्ष रहे। इस दौरान विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति व समन्वय टीम के सदस्य भी रहे।
वासुदेव देवनानी राजनीतिक दायित्वों के अलावा सामाजिक दायित्व भी बखूबी निभाते रहे हैं। वे भारतीय सिंधु सभा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य , वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप समिति के सचिव, रूरल डवलपमेंट एंड रिकंस्ट्रक्शन एक्टिविटी के संस्थापक अध्यक्ष, राष्ट्रीय चेतना जागरण परिषद के संस्थापक सदस्य, सिंधी शिक्षा समिति अजमेर के संरक्षक, कपार्ट की क्षेत्रीय समिति के सदस्य, तकनीकी शिक्षा की विभिन्न समितियों के सदस्य एवं ग्रामीण विकास एवं तकनीकी परियोजनाओं के समन्वयक भी रहे हैं।
वासुदेव देवनानी के लगातार पांचवीं बार अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से चुन कर राजस्थान की राजनीति में विधानसभा अध्यक्ष पद तक पहुंचना अजमेर के लिए बेहद महत्व रखता है। अजमेर वासियों को इस पर गर्व है।
हिन्दुस्थान समाचार/संतोष/संदीप/ईश्वर
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