सनातन फाउंडेशन की अनूठी पहलः खंडित मूर्ति, धार्मिक पुस्तक को पीपल के वृक्ष पर नहीं छोड़े
जयपुर, 24 दिसंबर (हि.स.)। सनातन फाउंडेशन ने एक अनूठी पहल की शुरुआत करते हुए खंडित मूर्ति और धार्मिक पुस्तकों का संग्रहण करने का कार्य शुरू किया। इसके लिए सनातन फाउंडेशन ने अलग-अलग इलाकों के लिए बीस टीमों का गठन किया है। जो अलग-अलग जगहों से खंडित मूर्तियां और धार्मिक पुस्तकों को एकत्रित कर विधि-विधान मंत्रोच्चारण से जल में प्रवाहित करेगी। खंड़ित मूर्तियां व धार्मिक पुस्तकों के विर्सनज के लिए संस्था निशुल्क कार्य करने में जुटी है।
सनातन फाउंडेशन के विक्रम सिंह शाहपुरा ने बताया कि हम सब सनातनी है लोग घरों में पूजा-अर्चना करते समय भगवान को अपने परिवार का सदस्य मानते हैं। लेकिन जब वह मूर्तियां खंडित हो जाती है तो लोग उन्हे घरों से बाहर निकाल कर पीपल के वृक्ष पर चढ़ा देते है। लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। अगर कोई मूर्ति या धार्मिक पुस्तक खंडित होती है तो उन्हें विधि-विधान के साथ जल में प्रवाहित करना चाहिए।
विक्रम सिंह ने बताया कि मंदिरों के बाहर पीपल के वृक्ष से ऐसी खंडित मूर्तियों को एकत्रित करने के लिए शहर में बीस टीमों का गठन किया जा चुका है जो अलग-अलग जगहों से खंडित मूर्तियां व धार्मिक पुस्तकों को एकत्रित कर हरिद्वार,सौरूजी जैसी पवित्र नदी में विधि-विधान के साथ जल में प्रवाहित करती है।
सिंह ने बताया कि खंडित मूर्तियों में से पहले तो लकड़ी का फ्रेम और कांच अलग किया जाता है। जिसके बाद अंदर का भगवान का पोस्टर अलग से निकाल लिया जाता है। लकड़ी और कांच का अलग से विर्सजन किया जाता है और धार्मिक पुस्तकों को भगवान के पोस्टर के साथ विधि-विधान के साथ विर्सजन कर दिया जाता है।
सनातन फाउंडेशन ने पीपल के वृक्ष व अन्य जगहों पर खंडित मूर्ति पड़ी होने पर या उसकी जानकारी देने के लिए तीन हेल्प लाइन नम्बर जारी कर रखे है। सनातन फाउंडेशन की अपील है कि जो भी व्यक्ति रोड पर या किसी भी वृक्ष के नीचे खंडित मूर्ति या धार्मिक पुस्तक पड़ी देखे तो हमे सूचना दे।
हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश सैनी/ईश्वर
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