ईआरसीपी से ज्यादा मिलेगा लिंक प्रोजेक्ट में पानी : शेखावत
जयपुर, 4 फरवरी (हि.स.)। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि संशोधित पीकेसी-ईआरसीपी प्रोजेक्ट पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों (नवीन 21 जिले) के लिए वरदान साबित होगी। लिंक प्रोजेक्ट से राजस्थान को 3677 एमसीएम पानी मिलेगा जो पहले की ईआरसीपी (3510 एमसीएम) से ज्यादा है। पहले काल्पनिक फिगर था, अब सीडब्ल्यूसी ने वेरीफाई करके पानी तय किया है। उन्होंने कहा कि 40 हजार करोड़ में से 4 हजार करोड़ ही राज्य सरकार पर भार आएगा। नए एमओयू के बाद इस परियोजना का 90 प्रतिशत खर्चा केंद्र सरकार वहन करेगी। परियोजना में पेयजल, इंडस्ट्री और सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था की गई है। शेखावत ने रविवार दोपहर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ प्रोजेक्ट के तहत कोटा और टोंक जिले में बांधों का दौरा भी किया।
रविवार देर शाम को संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल (पीकेसी)-ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) लिंक प्रोजेक्ट को लेकर आयोजित पत्रकार वार्ता में शेखावत ने कहा कि इस प्रोजेक्ट पर राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच समझौता होने के बाद भी विपक्ष द्वारा राजनीति की जा रही है। मुझे उम्मीद थी कि समझौते के बाद प्रधानमंत्री, केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय, राजस्थान के साथ मध्य प्रदेश सरकार की सराहना होगी, लेकिन सराहना की बात तो दूर विपक्ष विधानसभा से लेकर सड़क पर राजनीति करने से बाज नहीं आ रहा है।
तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए शेखावत ने कहा कि राजस्थान की तत्कालीन कांग्रेस सरकार की उदासीनता की वजह से पीकेसी इंटरलिंकेज ऑफ रिवर (आईएलआर) परियोजना का स्वरूप नहीं ले सकी। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के लोगों के प्यासे कंठों पर राजनीति की। लाखों हेक्टेयर संचित हो सकने वाली जमीन के किसानों के अरमानों पर राजनीति की। उल्टा अपनी राजनीतिक आकांक्षाओं की पूर्ति करने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री जी के लिए अशोभनीय शब्दों का प्रयोग किया। मुझे तो नकारा, निकम्मा, अर्कमण्य और पता नहीं, कितनी तरह के विभूषणों और आभूषणों से विभूषित करने का काम किया। शेखावत ने कहा कि जनता ने उनको पाप की सजा विधानसभा चुनावों के दौरान दी है।
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने केवल 3 जिलों जयपुर, अजमेर और टोंक को 525 एमसीएम पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए नवनेरा-गलवा-बीसलपुर-ईसरदा (एनजीबीआई) लिंक की योजना बनाई थी। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत सिंचाई की कोई घटक नियोजित नहीं थी। अशोक गहलोत ने ईआरसीपी धरातल पर न उतरे, इसके हर तरह के प्रयास किए। उन्होंने 50 प्रतिशत निर्भरता के साथ ईआरसीपी की डीपीआर तैयार करने का आदेश दिया था, जो राष्ट्रीय परियोजना के अनुरूप नहीं था, क्योंकि राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों के अनुसार 75 फीसदी निर्भरता के साथ परियोजना को योजनाबद्ध किया जाना चाहिए था। यहां तक की मप्र के तत्कालीन कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी एनओसी नहीं दी।
भूमि अवाप्ति के निर्देश दिए
शेखावत ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ पीकेसी-ईआरसीपी लिंक प्रोजेक्ट से जुड़े बांधों का दौरा किया। हेलीकॉप्टर में ही मुख्यमंत्री ने इस प्रोजेक्ट को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए कि परियोजना के लिए जो भी भूमि अवाप्त करनी है, उस दिशा में तत्काल काम करें। भूमि अवाप्ति के लिए डेडिकेटेड अधिकारी की नियुक्ति और ऑफिस बना दिया जाए।
राजस्थान की जीडीपी को होगा लाभ
शेखावत ने कहा कि कांग्रेस की मानसिकता ही ऐसी है। केवल सवाल इस प्रोजेक्ट का नहीं है, बल्कि देश में पचासों ऐसी परियोजनाएं हैं, अर्जुन सागर, ब्रांड सागर से लेकर नॉर्थ क्वायल जैसी परियोजनाएं ऐसी हैं, जिनकी घोषणाएं कांग्रेस ने 1970 की दशक में की थी, उनके लिए जमीन अधग्रहित की थी, उनका शिलान्यास किया था। जब प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री सिंचाई योजना को शुरू किया, उसके बाद में ऐसे 106 से ज्यादा प्रोजक्ट देश में थे, जिनमें से हमने लगभग 80 प्रोजक्ट को पूर्ण किया। हमने पहले ही कहा है कि जिसका शिलान्यास हम करते हैं, उसका उद्घाटन भी हम ही करते हैं। शेखावत ने कहा कि इस लिंक प्रोजेक्ट से राजस्थान की जीडीपी को बहुत बड़ा लाभ पहुंचेगा। लोगों की आमदनी बढ़ेगी, पलायन रुकेगा और इन जिलों में संभावनाएं बढ़ेंगी।
शेखावत ने कहा कि इस प्रोजेक्ट को आगामी पांच साल में पूरा कर लिया जाएगा। यह हमारा कमिटमेंट है कि हमारी सरकार के पांच साल के कार्यकाल में यह परियोजना हर हाल में पूर्ण होगी। 40 हजार करोड़ राजस्थान सरकार कंपोनेंट होगा, लगभग 25 हजार करोड़ मध्य प्रदेश का कंपोनेंट होगा, अभी डीपीआर बन रही है।
शब्दों का मायाजाल बुनने से कोई जादूगर नहीं होता
पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत पर हमला बोलते हुए शेखावत ने कहा कि किसी भी प्रोजेक्ट पर सवाल उठाने की उनकी फितरत है, अगर मैं उनसे पूछूं कि नवनेरा बांध के पूरा होने की टाइम लाइन क्या थी, 2021 थी, वो सरकार में थे, लेकिन वर्ष 2024 तक पूरा नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि सिर्फ शब्दों का मायाजाल बुनने से जादूगर नहीं होया जा सकता। वह जादूगर जनता की हितों का लाभ पहुंचाने से हो सकते थे, लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाए, उनको इस पाप के लिए जनता ने सत्ता से बाहर किया।
हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर/प्रभात
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