यह ‘सलेक्टिव सेक्‍युलरिज्‍म’ से ‘ट्रांसपेरेंट सेक्‍युलरिज्‍म’ की ओर जाने का समय : शेखावत

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यह ‘सलेक्टिव सेक्‍युलरिज्‍म’ से ‘ट्रांसपेरेंट सेक्‍युलरिज्‍म’ की ओर जाने का समय : शेखावत


जयपुर, 18 अगस्त (हि.स.)। यह सलेक्टिव सेक्‍युलरिज्‍म से ट्रांसपेरेंट सेक्‍युलरिज्‍म की ओर जाने का समय है। एक देश-एक कानून बहुत जरूरी है। एक समान नागरिक संहित न होने की वजह से तीन तलाक जैसी व्‍यवस्‍था को कानून लाकर समाप्‍त करना पड़ा। यह बात केंद्रीय संस्‍कृति और पर्यटन मंत्री गजेन्‍द्र सिंह शेखावत ने एक कार्यक्रम में कहीं।

रविवार को महाराणा प्रताप ऑडिटोरियम में आयोजित ‘लॉ समिट -2024’ में केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ‘यूनिफार्म सिविल कोड’ लाकर एक देश-एक कानून की दिशा में आगे बढ़ना चाहती है, लेकिन कई राजनीतिक पार्टियां और खुद को सेक्‍युलर मानने वाले लोग व विघटनकारी ताकतें अल्‍पसंख्‍यकों के अधिकारों का हनन हो रहा है जैसी बातें फैला रहे हैं, जो सरासर झूठ है। इस कानून से अल्‍पसंख्‍यकों को बहु-विवाह कुप्रथा से तो मुक्ति मिलेगी ही, बल्कि संपत्ति के अधिकार की असमानताएं भी पूरी तरह खत्‍म हो जाएंगी। देश में एक आधुनिक समाज की रचना करने में मदद मिलेगी।

सांस्कृतिक समृद्धि से सुपरपावर बनेगा भारत

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आर्थिक, सैन्य और टेक्‍नोलॉजी के साथ भारत के पास सांस्कृतिक समृद्धि का एक ऐसा मजबूत फैक्‍टर है, जो हमें सुपरपावर बनाने में सबसे अधिक मददगार साबित होगा। अगर दुनिया के लोग भारत आना पसंद करेंगे तो वो हमारी कल्‍चरल स्‍ट्रेंथ की वजह से। इसलिए कल्‍चरल स्‍ट्रेंथ देश को सुपरपावर बनाने को सबसे मजबूत फैक्‍टर होगा। भारत का टूरिज्‍म 15 प्रतिशत की दर से ग्रोथ करेगा, जो भारत की अर्थव्‍यवस्‍था की कुल ग्रोथ रेट 8 प्रतिशत से लगभग पौने दोगुना अधिक होगा।

नए कानूनों में इलेक्‍ट्रॉनिक एविडेंस को समान प्राथमिकता

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि पुराने कानूनों में इलेक्‍ट्रॉनिक एविडेंस को स्‍वीकार नहीं किया गया था, लेकिन नए कानून संहिता में इलेक्‍ट्रॉनिक एविडेंस को समान रूप से प्राथमिकता दी गई है। पुराने कानूनों में पीड़ित को कब न्‍याय मिलेगा? इसकी कोई भी क्लियरिटी नहीं थी, लेकिन नए कानून संहिता में इसकी पूरी क्लियरिटी है, जिससे पीड़ितों को न्‍याय के लिए सालों साल इंतजार नहीं करना पड़ेगा, बल्कि उन्‍हें यह पता होगा कि उनके मामले में उन्‍हें कब तक न्‍याय मिल जाएगा। ऐसे बहुत सारे कानून थे, जिनके क्‍लॉज साल 1860 के बने हुए थे, जो वर्तमान परिदृश्‍य में कहीं से भी उचित नहीं थे, इसलिए नए कानूनों को नई परिस्थितियों के हिसाब से बनाया गया है।

नई शिक्षा नीति होगी विकसित भारत बनाने का मजबूत पिलर

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति विकसित भारत बनाने की दिशा का सबसे मजबूत पिलर साबित होगी। यह समय की मांग थी, क्‍योंकि पिछली शिक्षा नीति ब्रिटिशकाल में बनी थी, जो वर्तमान परिपेक्ष्‍य में बिल्‍कुल फिट नहीं बैठ रही थी। जहां पहले की शिक्षा नीति गणना और याद करने की क्षमता जैसे दो पिलरों पर टिकी हुई थी, लेकिन नई शिक्षा नीति में आज के समय की मांग के अनुसार कम्‍युनिकेशन स्किल, क्रिटिकल व एनॉलिटिक्‍स थिकिंग और डिजिटल लर्निंग जैसे क्षेत्रों का उत्‍तम समावेश किया गया है, जो देश को विकसित भारत बनाने का मार्ग प्रशस्‍त करेगा।

डिजिटल क्राइम को लेकर जागरुकता जरूरी

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जिस तरह डिजिटल क्राइम बढ़ा है, यह चिंताजनक है, लेकिन इसको लेकर जागरुकता जरूरी है। आज जिस गति से डिजिटल क्राइम बढ़ रहा है, उस गति से लोग अपने खिलाफ हो रहे फ्रॉड के संबंध में रिपोर्ट लिखवाने को लेकर जागरूक नहीं हैं। उन्‍होंने कहा कि इस तरफ ध्‍यान दिए जाने के साथ जल्‍द पीड़ित को न्‍याय मिले, इस दिशा में काम करना होगा।

हिन्दुस्थान समाचार / जितेन्द्र तिवारी

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