राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के लिए सीकर से दो प्रतिभाओं का चयन
जयपुर/सीकर, 15 दिसंबर (हि.स.)। अंदमान और निकोबार में होने वाले आगामी 27 दिसंबर से 5 जनवरी 2024 तक राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में सीकर के दो असाधारण एथलीट माजिद खान और प्रीतम ने स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसजीएफआई) राष्ट्रीय यू 17 फुटबॉल टीम में प्रतिष्ठित स्थान हासिल किया है।
खेल में पहले किसी तरह का बैकग्राउंड (पृष्ठभूमि) न रखने वाले दोनों एथलीटों ने चल रहे एयू फाउंडेशन के बनो चैपियन स्पोर्ट्स प्रोजेक्ट के तहत प्रशिक्षण लिया। जमीनी स्तर के खेल प्रशिक्षण की परिवर्तनकारी शक्ति के उल्लेखनीय प्रमाण के रूप में एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक ने गर्व के साथ यह घोषणा की है। एक साल से बनो चैपियन पहल से जुड़े माजिद खान एक कंस्ट्रक्शन वर्कर के बेटे हैं। तमाम वित्तीय परेशानियों के बावजूद माजिद का फुटबॉल के प्रति जुनून कोच जय प्रकाश के मार्गदर्शन में विकसित हुआ। गोलकीपर के रूप में खेलते हुए माजिद के बेहतरीन कौशल और समर्पण ने उन्हें एसजीएफआई राष्ट्रीय यू17 फुटबॉल टीम में स्थान दिलाया। प्रीतम 18 महीने से बनो चैंपियन के साथ जुड़े हुए हैं। उनके पिता राज कुमार एक ऑटो चालक हैं। जबकि उनकी माँ तारामणि एक गृहिणी हैं। उनके माता पिता ने कोच जयप्रकाश के मार्गदर्शन में प्रीतम को एक कुशल फुटबॉल खिलाड़ी के रूप में उभरने के लिए प्रोत्साहित किया। स्टॉपर पोजीशन में डिफेंडर के रूप में खेलते हुए, प्रीतम की सफलता का श्रेय बनो चैपियन वीकेंड लीग के प्रतिस्पर्धी माहौल को दिया जाता है जहां उन्होंने अपने जोन (क्षेत्र) के भीतर कई टीमों के साथ साप्ताहिक खेला है। माजिद और प्रीतम दोनों ऐसी पार्श्वभूमी से हैं जहां उन्हें कई तरह की वित्तीय परेशानियों और सुविधाओं का अभाव था। लेकिन उन्होंने राष्ट्रीय स्तर के एथलीट बनकर अपनी खेल यात्रा को एक पायदान आगे बढ़ाया है। यह एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक की बनो चैंपियन पहल द्वारा प्रदान किए गए उनके समर्पण और मार्गदर्शन को दर्शाता है। माजिद और प्रीतम की उपलब्धियों में एसजीएफआई राज्य स्तरीय खेल टूर्नामेंट में उनका उत्कृष्ट प्रदर्शन शामिल है। इसके अलावा दोनों एथलीट जनवरी 2023 में आयोजित एयू बनो चैंपियन राज्य स्तरीय खेल टूर्नामेंट में उप विजेता टीम का हिस्सा थे। मैदान से मंजिल तक एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक की एक अनूठी सीएसआर पहल है जिसे अक्टूबर 2021 में लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य एथलेटिक्स, फुटबॉल, थ्रो बॉल, वॉलीबॉल जैसे खेलों के अलावा और स्थानीय पसंद के खेल में ग्रामीण युवाओं को निर्देशित खेल प्रशिक्षण प्रदान करना है।
यह कार्यक्रम तेजी से एक परिवर्तनकारी शक्ति के रूप में विकसित हुआ है जिसने राजस्थान के 22 जिलों के 64 ग्रामीण और अर्ध-शहरी स्थानों में 8 हजार से अधिक बच्चों के जीवन को प्रभावित किया है। इस पहल को अलग अलग क्षेत्रों से समर्थन प्राप्त हुआ है जिसमें क्षेत्रीय विशेषज्ञों, एसोसिएशन निकायों और सरकार के साथ साझेदारी शामिल है।
हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश सैनी/ईश्वर
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