ओरल कैंसर से बचाव के लिए दो मिनट का जागरुकता अभियान का आगाज

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ओरल कैंसर से बचाव के लिए दो मिनट का जागरुकता अभियान का आगाज


जयपुर, 10 मई (हि.स.)। भगवान महावीर कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र ने मर्क स्पेशलिटी प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर समय पर और प्रभावी पहल करते हुए हैशटैग एक्ट अगेंस्ट ओरल कैंसर के साथ ओरल कैंसर से बचाव के लिए दो मिनट की जांच अभियान शुरू किया है।

निदेशक और एचओडी मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल के डॉ. अजय बापना ने बताया की इस राष्ट्रव्यापी प्रयास का उद्देश्य लोगों को दर्पण का उपयोग करके त्वरित स्व-जांच करने के लिए प्रोत्साहित करके मौखिक कैंसर के मामलों में हो रहीं खतरनाक वृद्धि को कम करना है, जो लगभग सभी के लिए हमेशा उपलब्ध होते हैं। विशेषज्ञों ने आमजन से मुंह में सफेद या लाल धब्बे, ठीक न होने वाले अल्सर या अस्पष्टीकृत रक्तस्राव, लगातार सूजन या आवाज में बदलाव जैसे चेतावनी संकेतों पर ध्यान देने का आग्रह किया।

संदेश स्पष्ट है महसूस करें, देखें और कार्य करें। त्वरित दर्पण जांच के माध्यम से प्रारंभिक पहचान समय पर उपचार और छूटे हुए अवसर के बीच अंतर ला सकती है। दर्पणों को जागरूकता के उपकरण में बदलकर, विशेषज्ञ आमजन को केवल दो मिनट में अपने स्वास्थ्य की जिम्मेदारी लेने के लिए सशक्त बना रहे हैं क्योंकि प्रारंभिक कार्रवाई से जान बच सकती है। इस पहल के माध्यम से, अस्पताल जाने वाले मरीज भी इस स्व-जांच को सक्रिय कर सकते हैं जहां अस्पताल के वेटिंग एरिया में रणनीतिक रूप से दर्पण लगाए जाएंगे।

अभियान के शुभारंभ के दौरान, डॉ. अजय बापना, निदेशक और एचओडी, मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग, डॉ. दीपक गुप्ता, अतिरिक्त निदेशक और वरिष्ठ सलाहकार, मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग, डॉ. पवन अग्रवाल, वरिष्ठ सलाहकार मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, डॉ. जयश्री गोयल, सलाहकार मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, डॉ. प्रेम सिंह लोढ़ा कोषाध्यक्ष ट्रस्टी, मेजर जनरल डॉ. एस सी पारीक, सेवानिवृत्त कार्यकारी निदेशक, डॉ. गीतांजलि अग्रवाल जोशी, चिकित्सा निदेशक और चिकित्सा कर्मचारी उपस्थित थे। “भारत में लाखों कैंसर रोगी हैं। देर से निदान, जागरूकता की कमी और समय पर उपचार तक सीमित पहुंच से रुग्णता और मृत्यु दर बढ़ सकती है। जीवनशैली में बदलाव और पर्यावरणीय कारकों के कारण भी सभी आयु समूहों में मामलों में उछाल आया है। खराब जीवनशैली की आदतों, तंबाकू और शराब के सेवन, प्रदूषण और आहार असंतुलन के कारण मामले बढ़ रहे हैं।

निदान, तंबाकू छोड़ना, स्वस्थ आहार बनाए रखना, शारीरिक रूप से सक्रिय रहना, शराब का सेवन कम करना। देश में कैंसर के बोझ को कम करने के लिए जन जागरूकता और बेहतर स्वास्थ्य सेवा पहुंच भी महत्वपूर्ण है, मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के निदेशक और एचओडी डॉ अजय बापना ने कहा। मौखिक कैंसर के कारणों में तंबाकू का सेवन, अत्यधिक शराब का सेवन और ह्यूमन पैपिलोमावायरस (एचपीवी) संक्रमण शामिल हैं। मौखिक कैंसर का इलाज करना मुश्किल हो जाता है और अक्सर देरी से निदान के कारण बाद के चरणों में इसे रोका नहीं जा सकता है। नियमित स्व-जांच के माध्यम से प्रारंभिक पहचान परिणामों को बेहतर बनाने और जटिलताओं को रोकने में मदद करती है। मौखिक कैंसर की जटिलताओं में बोलने, निगलने और सांस लेने में कठिनाई के साथ-साथ आस-पास के ऊतकों या शरीर के अन्य भागों में कैंसर का फैलना शामिल हो सकता है। डॉ. जयश्री गोयल, कंसल्टेंट मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट ने निष्कर्ष देते हुए कहा, ओरल कैंसर प्रोटेक्शन के लिए दो मिनट की कार्रवाई अभियान से ओरल कैंसर का समय पर पता लगाने और प्रबंधन में मदद मिलेगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

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