बीसलपुर बांध में पानी की घटती आवक के चलते तीन गेट बंद

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बीसलपुर बांध में पानी की घटती आवक के चलते तीन गेट बंद


बीसलपुर बांध में पानी की घटती आवक के चलते तीन गेट बंद


टोंक, 30 जुलाई (हि.स.)। टोंक जिले में स्थित बीसलपुर बांध में पानी की आवक घटने के चलते बुधवार सुबह बांध के तीन गेट बंद कर दिए गए। अब केवल तीन गेट नंबर 9, 10 और 11 को एक-एक मीटर खोलकर पानी की निकासी की जा रही है। इससे प्रति सेकंड 18,030 क्यूसेक पानी बनास नदी में छोड़ा जा रहा है। पानी की निकासी में यह अब तक की सबसे कम मात्रा है। गेट बंद होने से अब बनास नदी में जलस्तर आधा रह जाएगा।

बांध परियोजना के एक्सईएन मनीष बंसल ने बताया कि जल की आवक घटने के कारण बुधवार सुबह 6 बजे गेट नंबर 8, 12 और 13 को बंद कर दिया गया। फिलहाल प्रति गेट 6,010 क्यूसेक की दर से तीन गेटों से पानी छोड़ा जा रहा है। उन्होंने बताया कि आगे भी पानी की आवक के अनुसार गेट कम या ज्यादा खोले जा सकते हैं।

बीते सप्ताह बीसलपुर बांध में पानी की आवक लगातार बढ़ने के कारण गेटों की संख्या और निकासी दोनों बढ़ाई गई थीं। 24 जुलाई को शाम 4.55 बजे बांध का एक गेट नंबर 10 एक मीटर खोलकर प्रति सेकंड 6,010 क्यूसेक पानी की निकासी शुरू की गई थी। इसके बाद 27 जुलाई की सुबह गेट नंबर 11 को भी एक मीटर खोला गया। उस समय गेट नंबर 10 को दो मीटर तक खोला गया था।

जलस्तर बढ़ने के कारण 27 जुलाई की रात 8 बजे गेट नंबर 9 और 12 को दो-दो मीटर खोल दिया गया। उस समय चार गेटों से कुल 48,080 क्यूसेक पानी बनास नदी में छोड़ा जा रहा था। इसके एक घंटे बाद रात 9 बजे गेट नंबर 8 और 13 को भी एक-एक मीटर खोल दिया गया। इस स्थिति में सभी छह गेटों से प्रति सेकंड 72,120 क्यूसेक पानी की निकासी की गई, जो इस सीजन की अब तक की सर्वाधिक मात्रा थी।

28 जुलाई की सुबह बांध में पानी की आवक कुछ कम होने से गेट नंबर 10 और 11 को तीन-तीन मीटर के बजाय दो-दो मीटर तक ही खोलकर निकासी घटाई गई। उस समय छह गेटों से 60,100 क्यूसेक पानी निकाला जा रहा था। इसके बाद 29 जुलाई को सुबह 6 बजे जल की आवक फिर बढ़ने पर दोनों गेटों को तीन-तीन मीटर तक खोलकर कुल 72,120 क्यूसेक की दर से पानी छोड़ा गया। अब 30 जुलाई को जल की आवक कम होने के बाद तीन गेटों को पूरी तरह बंद कर दिया गया है।

बांध परियोजना के जेईएन दिनेश बैरवा ने बताया कि वर्तमान में बांध का जलस्तर 315.50 आरएल मीटर पर स्थिर है, जो इसकी पूर्ण भराव क्षमता है। पानी की निकासी इसी स्तर को बनाए रखने के लिए की जा रही है।

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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक

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