श्री प्रेमभाया में त्रिदिवसीय महोत्सव का हुआ आगाज

श्री प्रेमभाया में त्रिदिवसीय महोत्सव का हुआ आगाज
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श्री प्रेमभाया में त्रिदिवसीय महोत्सव का हुआ आगाज


जयपुर, 1 अप्रैल (हि.स.)। श्री प्रेमभाया मंडल समिति के तत्वावधान में 84वां त्रिदिवसीय भक्ति संगीत समारोह सोमवार से युगल कुटीर जयलाल मुंशी का रास्ता चांदपोल बाजार जयपुर में शुरू हुआ। इस अवसर पर श्री प्रेमभाया सरकार का वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पंचामृत से अभिषेक किया किया। जिसके बाद उन्हें नवीन पोशाक धारण कराई गई व आह्ववा के साथ बधाई पद गाए गए। रात्रि आठ बजे संपूर्ण रात्रि भक्ति संगीत का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें देश प्रदेश के प्रमुख गायक, वादक अपनी हाजिरी लगाएंगे। इस अवसर पर मुख्य द्वार पर शहनाई व नगाडा वादन होगा। जयलाल मुंशी के रास्ते में भक्तों द्वारा घर-घर रोशनी की गई है।

समिति के अध्यक्ष विजय किशोर शर्मा ने बताया कि इस त्रिदिवसीय भक्ति संगीत समारोह में 2 अप्रैल को रात्रि 8 बजे से संपूर्ण रात्रि भक्ति संगीत का आयोजन किया जाएगा। दो व तीन अप्रैल को दिन में महिला मंडलों द्वारा भक्ति संगीत व 3 अप्रैल को 7 बजे नगर संकीर्तन युगल कुटीर से प्रारंभ होगा जो कि शहर के प्रमुख मार्ग से होता हुआ प्रातः सात बजे सत्संग स्थल पर पहुंचकर महोत्सव संपन्न होगा।

महोत्सव में प्रमुख गायकों में राकेश शर्मा, प्रमोद त्रिपाठी, प्रकाश दास जी महाराज, परवीन मिर्जा, आकांक्षा राव, रामस्वरूप दास, हीना सेन, सन्नी चक्रधारी, अमित नामा, गोपाल सिंह राठौड़ पूजा राठौर, गोपाल सेन, महेश परमार सहित अन्य गायक व वादक अपनी हाजिरी लगाएंगे।

गौरतलब है कि सन् 1940 में कृष्ण भक्त महाकवि युगलजी ने गीता प्रेस से प्रकाशित कल्याण संस्करण में कृष्ण भगवान के बाल स्वरूप की छवि को जो कि बंगाला शैली का चित्र स्वरूप है, को राजस्थान की प्रमुख बोली ढूंढाड़ी में श्री प्रेमभाया सरकार नामकरण कर शीतलाष्टमी के दिन ' युगल कुटीर ' में चित्र सेवा को स्थापित कर त्रिदिवसीय भक्ति संगीत समारोह की स्थापना की थी ।

भक्त युगल जी नित्य नवीन भजन की रचना कर पुरानी बस्ती स्थित गोपीनाथ जी को सुनाया करते थे यह क्रम जीवन पर्यंत रहा। युगल जी दूणी, टोंक राजमहल में राजवैद्य पद पर नियुक्त हुए। वहां भी श्री प्रेमभाया सरकार के चरणों में नित्य नए भजन सुनाने का क्रम रहा। वर्ष 1949 में ज्येष्ठ कृष्ण द्वादशी को स्नान करते हुए भजन गाते हुए जल में स्वयं को प्रभु के अर्पण कर दिया था।

हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश/संदीप

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