जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में कई सत्र होंगे जलवायु और पर्यावरण के नाम

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में कई सत्र होंगे जलवायु और पर्यावरण के नाम
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जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में कई सत्र होंगे जलवायु और पर्यावरण के नाम


जयपुर, 12 जनवरी (हि.स.)। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का 17वां सत्र कई विचारोत्तेजक सत्र लेकर आ रहा है, जिसमें जलवायु और पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर खुलकर बात होगी। होटल क्लार्क्स आमेर, जयपुर में एक से पांच फरवरी को आयोजित होने वाले फेस्टिवल में दुनियाभर के चिंतक, साहित्यकार और मानववादी शिरकत करेंगे।

इतिहासकार और लेखक पीटर फ्रैंकोपन की नई किताब,द अर्थ ट्रान्सफोर्मेड एन अनटोल्ड हिस्ट्री बताती है कि किस तरह से जलवायु परिवर्तन ने विकास पर प्रभाव डाला है। फ्रैंकोपन बताते हैं कि कैसे प्रकृति ने हमेशा इतिहास के लेखन में एक मौलिक भूमिका निभाई है और प्रकृति के आदेश पर सभ्यताओं के पतन का मूल्यांकन किया है।

लेखक और प्रकृतिवादी युवान आवेस की नई किताब, इंटरटाइडल ए कोस्ट एंड मार्श डायरी, दो साल और तीन मानसून में फैली हुई, तट और आर्द्रभूमि, जलवायु और स्वयं की गहरी टिप्पणियों की एक डायरी है। जहां भूमि समुद्र से मिलती है - और जहां अस्तित्व दुनिया से मिलता है, कथा सौंदर्य और नाजुकता के परिदृश्य के बीच सबसे छोटे जीवन रूपों के साथ बातचीत का पता लगाती है। प्रसिद्ध लेखक रोबर्ट मैकफार्लें के साथ संवाद में, आवेस हमें मनुष्य, जानवर, समुद्र और तट की सीमाओं से परे सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व की यात्रा पर ले जाएंगे।

इंटरनेशनल कैमलिड्स वर्ष,कैमलिड्स और विषम परिस्थितियों में रहते हुए लाखों परिवारों को आजीविका प्रदान करने में उनकी आवश्यक भूमिका को मान्यता देता है। वैज्ञानिक इलसे कोहलेर-रोलेफ्सों कैमल कर्मा की लेखिका हैं, जो राजस्थान के ऊंटों को बचाने के सन्दर्भ में रायका समुदाय और ऊंटों के साथ उनके संबंधों को बयां करती है। उनकी नई किताब, हूफप्रिंट्स ऑन द लैंड, लोगों और जानवरों के बीच कामकाजी साझेदारी का एक आकर्षक वर्णन है। युवान आवेस लिखते हैं, पढ़ाते हैं, सीखते हैं और वहां रहते हैं जहां परिदृश्य मानसिकता के साथ विलीन हो जाता है। वह एक पुरस्कृत लेखक, प्रकृति-शिक्षक और पर्यावरण-रक्षक व पल्लुयिर ट्रस्ट फॉर नेचर एजुकेशन एंड रिसर्च के मैनेजिंग ट्रस्टी हैं। कोहलेर-रोलेफ्सों और आवेस मिलकर दुनिया की ऊंट संस्कृतियों और उनसे जुड़ी बहुत से जरूरी बातों पर चर्चा करेंगे।

जंगल इकोसिस्टम की शानदार बड़ी बिल्लियों, जैसे ग्रेट बंगाल टाइगर, ने पीढ़ियों से काल्पनिक और गैर-काल्पनिक दोनों लेखकों को प्रेरित किया है। न्यूज़ एंकर और पर्यावरण पत्रकार गार्गी रावत की नई किताब, टाइगर सीज़न, एक पर्यावरण पत्रकार की बाघ संरक्षण, प्रेम और एडवेंचर का एक काल्पनिक विवरण है। लेखिका, उपन्यासकार और प्रकृति कार्यकर्ता आरेफ़ा तहसीन को राजस्थान सरकार द्वारा उदयपुर जिले का मानद वन्यजीव वार्डन नियुक्त किया गया था और उन्होंने अपनी किताबों और लेखों के माध्यम से प्रकृति संरक्षण को आगे बढ़ाया है। सत्र में, वे बाघ की कहानियों के रहस्य और राजस्थान में संरक्षण प्रयासों पर चर्चा करेंगे।

लुईस फाउलर-स्मिथ की नई किताब, सेक्रेड ट्रीज़ ऑफ इंडिया, पारिस्थितिक स्थिरता और पृथ्वी पर जीवन की निरंतरता के लिए वनों की कटाई से उत्पन्न बुनियादी खतरे की जांच करती है। फाउलर-स्मिथ ने भारत में 10 सालों तक कार्य किया है, इसी अनुभव का लाभ उठाते हुए उन्होंने भारत के पवित्र वृक्षों और वृक्ष-पूजा की परंपराओं को दर्ज किया, जो प्रकृति के पश्चिमी पूंजीवादी वस्तुकरण के लिए एक शक्तिशाली विकल्प प्रस्तुत करता है। पर्यावरणविद और फिल्ममेकर प्रदीप कृष्ण की किताब, जंगल ट्रीज ऑफ़ सेंट्रल इंडिया भारत में पाए जाने वाले पेड़ों का रोचक वर्णन प्रस्तुत करती है। मृदुला रमेश के साथ संवाद में वे एक ऐसी संस्कृति पर चर्चा करेंगे। जिनकी पेड़ों के प्रति श्रद्धा ने उन्हें पारिस्थितिक विनाश को रोकने में मदद की है।

हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश/संदीप

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