गेहूं व सरसों की लवण सहिष्णु क़िस्मों को किसानों के प्रचलन में लाने की आवश्यकता : डॉ. संजय सिंह

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गेहूं व सरसों की लवण सहिष्णु क़िस्मों को किसानों के प्रचलन में लाने की आवश्यकता : डॉ. संजय सिंह


बीकानेर, 31 अक्टूबर (हि.स.)। स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर के अनुसंधान निदेशालय द्वारा रबी 2023-24 की अनुसंधान सलाहकार समिति की दो दिवसीय बैठक कुलपति डॉ. अरुण कुमार की अध्यक्षता में हुई।

मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद लखनऊ के महानिदेशक डॉ. संजय सिंह ने कहा कि करनाल द्वारा विकसित गेंहू व सरसों की लवण सहिष्णु क़िस्मों को संभाग के किसानों में प्रचलन में लाने की आवश्यकता है। उन्होंने जौ का क्षेत्रफल बढ़ाने का सुझाव दिया। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति अरुण कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय की सभी इकाइयों पर छोटे रूप में ड्रैगन फ्रूट का बगीचा लगाकर उसका आर्थिक विश्लेषण करवाना चाहिए। उन्होंने खजूर के तुड़ाई उपरांत प्रबंधन एवं मूल्य संवर्धन की दिशा में किसानों को प्रशिक्षित करने का सुझाव दिया।

बैठक में कैलाश चौधरी, संयुक्त निदेशक कृषि तथा प्रगतिशील किसान नवीन तंवर व पूर्णाराम विशिष्ट अतिथि थे। डॉ. पी. एस. शेखावत ने बैठक में बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा किसानों की कुछ प्रमुख समस्याओं जैसे सरसों एवं गेंहू में औरोबंकी खरपतवार, इसबगोल में जड़ जलन, खेजड़ी के पेडों में फल कम आना, चने व गेंहू की उष्णता एवं सूखा रोधी किस्मों का विकास आदि पर कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। कृषि अनुसंधान केंद्र श्रीगंगानगर के क्षेत्रीय निदेशक अनुसंधान, डॉ विजय प्रकाश ने बताया कि श्रीगंगानगर केंद्र द्वारा विकसित चने की क़िस्मों का क्षेत्रफल बढ़ा है तथा उन किस्मों के बीजों की मांग निरन्तर बढ़ रही है। अनुसंधान केंद्र बीकानेर का प्रगति प्रतिवेदन डॉ. राजेंद्र सिंह राठौड़ ने प्रस्तुत करते हुए बताया कि बीकानेर में लो टनल में खीरा एवं तरबूज की खेती लोकप्रिय हो रही है।

हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/संदीप

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