गुजरात की तीसरी आंख ने दर्शाया शेखावाटी हवेलियों का कलात्मक वैभव

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गुजरात की तीसरी आंख ने दर्शाया शेखावाटी हवेलियों का कलात्मक वैभव


जयपुर, 8 सितंबर (हि.स.)। विश्व की सबसे बड़ी ओपन आर्ट गैलरी के रूप में विख्यात राजस्थान के शेखावाटी अंचल की हवेलियों के कलात्मक सौन्दर्य और वैभव को गुजरात के सीनियर फोटो आर्टिस्ट दिनेश पंचोली ने अनूठे अंदाज में प्रस्तुत किया है। जवाहर कला केन्द्र की सुकृति आर्ट गैलरी में लगाई गई उनकी सोलो फोटो एग्जीबिशन द लेगेसी ऑफ शेखावाटी हवेलीज का रविवार को भारत सरकार के पूर्व पर्यटन सचिव ललित के. पंवार ने उदघाटन किया। इस मौके पर एमएनआईटी जयपुर के आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग डिपार्टमेंट के एचओडी प्रो. राजीव श्रृंगी, कथिका ट्रस्ट के फाउंडर अतुल खन्ना और सीनियर फोटो आर्टिस्ट महेश स्वामी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। गुजरात ललित कला अकादमी के सहयोग से 11 सितंबर 2024 तक आयोजित इस फोटो एग्जीबिशन में दिनेश पंचोली ने 20x30 इंच आकार में 30 फोटोग्राफ्स में राजस्थान के शेखावाटी की विभिन्न हवेलियों के आर्किटेक्चर के साथ ही फ्रेस्को पेंटिंग्स की खूबसूरती को दर्शाया है।

मूलतः गुजरात के अहमदाबाद निवासी दिनेश पंचोली करीब 50 सालों से इंटीरियर डिजाइनिंग व्यवसाय से जुड़े हैं और देश के विभिन्न शहरों में सोलो फोटोग्राफी एग्जीबिशन लगा चुके हैं। द लेगेसी ऑफ शेखावाटी हवेलीज में दर्शाई फोटोग्राफ्स में उन्होंने मंडावा, नवलगढ़, फतेहपुर, रामगढ़, चूरी अजीतगढ़ में स्थित प्राचीन हवेलियों को निकोन जेड 7 मिरर लेस कैमरे की तीसरी आंख से शूट किया है। इन फोटोग्राफ्स में मंडावा की चौखानी हवेली, गोयनका हवेली, लडिया हवेली, कैसल कोठी, होटल शेखावाटी हवेली, मंडावा हवेली, थलिया हवेली, नेमानी हवेली, नवलगढ़ में विवाना होटल, पोद्दार हवेली, ग्रांड हवेली, कूलवाल हवेली, मोरारका हवेली, डूंडलोद फोर्ट म्यूजियम में बनी फ्रेस्को पेंटिंग्स और आर्किटेक्चर विविध स्वरूपों में नजर आते हैं। इन पेंटिंग्स में कलात्मकता के साथ ही देश में हुए तत्कालीन विकास को प्रदर्शित किया गया है, जिनमें भारतीय पौराणिक कथाओं और आध्यात्मिक वृतांत से लेकर सामाजिक संरचना और शिल्प शैली को विशेष तौर पर उभारा गया है।

फोटो आर्टिस्ट दिनेश पंचोली बताते हैं कि एक बार फ्लाइट में यूरोप जाते समय एक मैगजीन में देखे फोटोग्राफ ने उन्हें शेखावाटी के इस कलात्मक वैभव को कैमरे में कैप्चर करने का आइडिया दिया। वर्ष 2016 में शुरू हुआ उनका यह आर्ट प्रोजेक्ट मार्च 2023 में पूरा हुआ। इस दौरान उन्होंने अनुभव किया कि विभिन्न आकार में बनाई गई इन हवेलियों का कॉमन आर्किटेक्चर है, लेकिन इन पर बनाई गई प्रत्येक फ्रेस्को पेंटिंग्स का अलग विषय और इतिहास है। इस फोटोग्राफी प्रोजेक्ट के दौरान उनकी पत्नी पुष्पा दिनेश पंचोली ने सभी हवेलियों के इतिहास का सविस्तार लेखन किया है, जिसे पुस्तक के रूप में संग्रहित किया गया है। इस पुस्तक का लोकार्पण भी उदघाटन सत्र में किया गया।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

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