अजमेर विधानसभा की आठों सीटों पर जीत- हार की कहानी आंकड़ों की जुबानी

अजमेर विधानसभा की आठों सीटों पर जीत- हार की कहानी आंकड़ों की जुबानी
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अजमेर विधानसभा की आठों सीटों पर जीत- हार की कहानी आंकड़ों की जुबानी


अजमेर, 3 दिसम्बर(हि.स.)। अजमेर जिले की आठ विधान सभा सीटों में से सात सीट भाजपा के पक्ष में और एक कांग्रेस के खाते में रही। मतगणना शुरू होने के पहले से ही अजमेर की आठ में से छह सीटों पर बहुत ही कड़ा मुकाबला माना जा रहा था। निर्दलीयों की उपस्थिति के कारण पार्टी प्रत्याशियों की सांसे अटकी हुई थी। किन्तु जैसे जैसे मतगणना चरण आगे चले मुकाबला सीधा भाजपा और कांग्रेस के बीच साफ होता गया। मजेदार बात रही कि आठों विधानसभा क्षेत्र में प्रमुख राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस और भाजपा के अलावा कोई भी उम्मीदवार अपनी जमानत नहीं बचा पाया।

अजमेर उत्तर विधान सभा सीट —

कुल 2 लाख 9 हजार 560 मत पड़े यानी 67.30 प्रतिशत वोटिंग हुई। कुल 12 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। प्रमुख मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच था किन्तु निर्दलीय ज्ञान सारस्वत ने मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया था। मुकाबले में भाजपा के वासुदेव देवनानी लगातार पांचवी वार विजेता रहे। उनकी जीत का अन्तर अपने निकटतम प्रत्याशी कांग्रेस के महेन्द्र रलावता से से 4 हजार 644 मतों का रहा। भाजपा प्रत्याशी वासुदेव देवनानी को 57, 895 मत मिले, कांग्रेस के महेन्द्र सिंह रलावता 53, 251 मत प्राप्त कर सके। यहां पर निर्दलीय उम्मीदवार ज्ञानचंद सारस्वत 26 हजार 352 मत प्राप्त कर तीसरे स्थान पर रहे। कुल 1 हजार 231 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया।

अजमेर दक्षिण विधान सभा सीट —

कुल 2 लाख 10 हजार 059 मत पड़े यानी 66.77 प्रतिशत वोटिंग हुई। कुल 9 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। प्रमुख मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच था मुकाबले में भाजपा के अनिता भदेल लगातार पांचवी वार विजेता रही। उनकी जीत का अन्तर अपने निकटतम प्रत्याशी की द्रोपदी कोली से 4 हजार 446 मतों का रहा। भाजपा प्रत्याशी अनिता भदेल को 71,319 मत मिले, कांग्रेस की द्रोपदी कोली 66, 873 मत प्राप्त हो सके। कुल 1674 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया।

किशनगढ़ विधान सभा सीट—

कुल 2 लाख 81 हजार 873 मत पड़े यानी 76.18 प्रतिशत वोटिंग हुई। कुल 12 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। प्रमुख मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच था किन्तु निर्दलीय सुरेश टांक ने मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया था। मुकाबले में भाजपा के भागीरथ चौधरी तीसरे स्थान पर रहे। यहां कांग्रेस के विकास चौधरी 3 हजार 620 मतों से विजयी रहे। पूर्व विधायक सुरेश टांक को हार का मुंह देखना पड़ा। कांग्रेस के विकास चौधरी को 83,645 मत मिले, निर्दलीय सुरेश टांक 80,025 मत प्राप्त कर सके। यहां पर भाजपा उम्मीदवार भागीरथ चौधरी 37 हजार 534 मत प्राप्त कर तीसरे स्थान पर रहे। कुल 3 हजार 467 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया।

पुष्कर विधान सभा सीट—

कुल 2 लाख 51 हजार 211 मत पड़े यानी 74.64 प्रतिशत वोटिंग हुई। कुल 17 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। प्रमुख मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच था किन्तु राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी अशोक रावत ने मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया था। मुकाबले में भाजपा के सुरेश रावत की जीत मिली। यहां कांग्रेस की नसीम अख्तर इंसाफ को 13 हजार 869 मतों से हार नसीब हुई। पूर्व विधायक सुरेश रावत को 84,619 मत मिले, कांग्रेस की नसीम अख्तर को 70 हजार 750 मत प्राप्त हुई। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अशोक रावत 16 हजार 52 मत प्राप्त कर सके। अन्य निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे कांग्रेस के पूर्व विधायक श्री गोपाल बाहेती को मात्र 8457 मत ही प्राप्त कर सके। कुल 882 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया।

नसीराबाद विधान सभा सीट—

कुल 2 लाख 32 हजार 905 मत पड़े यानी 77.07 प्रतिशत वोटिंग हुई। कुल 10 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। प्रमुख मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच था किन्तु राष्ट्रीय जन शोर्य पार्टी के शिवराज पलाड़ा ने मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया था। मुकाबले में भाजपा के रामस्वरूप लाम्बा विजयी रहे। यहां कांग्रेस के शिव प्रकाश गुर्जर 816 मतों से चुनाव हार गए। कांग्रेस के शिव प्रकाश गुर्जर को 78,229 मत मिले, भाजपा के रामस्वरूप लाम्बा को 79,364 मत प्राप्त हुए। राष्ट्रीय जन शोर्य पार्टी के उम्मीदवार शिवराज पलाड़ा 15 हजार 975 मत प्राप्त कर तीसरे स्थान पर रहे। कुल 1 हजार 392 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया।

ब्यावर विधान सभा सीट—

कुल 2 लाख 57 हजार 723 मत पड़े यानी 64.24 प्रतिशत वोटिंग हुई। कुल 11 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। प्रमुख मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच था किन्तु निर्दलीय इंदरसिंह बागावास ने मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया था। मुकाबले में भाजपा के शंकर सिंह रावत विजयी रहे। यहां कांग्रेस के पारसमल जैन 8878 मतों से चुनाव हार गए। कांग्रेस के पारस मल जैन को 58,745 मत मिले, भाजपा के शंकर सिंह रावत को 67,623 मत प्राप्त हुए। निर्दलीय उम्मीदवार इंदर सिंह बागावास 28 हजार 343 मत प्राप्त कर तीसरे स्थान पर रहे। कुल 1 हजार 771 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया।

केकड़ी विधान सभा सीट—

कुल 2 लाख 61 हजार 540 मत पड़े यानी 75.76 प्रतिशत वोटिंग हुई। कुल 8 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। प्रमुख मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच था । मुकाबले में भाजपा के शत्रुध्न गौतम विजयी रहे। यहां कांग्रेस के रघु शर्मा 7542 मतों से चुनाव हार गए। कांग्रेस के रघु शर्मा को 92,129 मत मिले, भाजपा के शत्रुध्न गौतम को 99,671 मत प्राप्त हुए। कुल 1 हजार 547 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया।

मसूदा विधान सभा सीट—

कुल 2 लाख 71 हजार 843 मत पड़े यानी 73.21 प्रतिशत वोटिंग हुई। कुल 9 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। प्रमुख मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच था । किन्तु बहुजन समाज पाटी के वाजिद और रा।ष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सचिन जैन तथा निर्दलीय जसवीर सिंह ने मुकाबला रोचक बना दिया था। मुकाबले में भाजपा के वीरेन्द्र सिंह कानावत विजयी रहे। यहां कांग्रेस के राकेश पारीक 26 हजार 716 मतों से चुनाव हार गए। कांग्रेस के राकेश पारीक को 47 हजार 550 मत मिले, भाजपा के वीरेन्द्र सिंह कानावत को 74,266 मत प्राप्त हुए। बहुजन समाज पाटी के वाजिद 29,508 और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सचिन जैन 18,554 तथा निर्दलीय जसवीर सिंह 21,375 मत प्राप्त कर सके। कुल 1 हजार 640 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया।

हिन्दुस्थान समाचार/संतोष/ईश्वर

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