तकनीकी शिक्षा में मानवीय मूल्यों का समावेश करते हुए युवाओं की राष्ट्र विकास में भूमिका सुनिश्चित की जाए: राज्यपाल
जयपुर/कोटा, 6 जुलाई (हि.स.)। राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि तकनीकी शिक्षा में मानवीय मूल्यों का समावेश करते हुए युवाओं की राष्ट्र के सर्वागीण विकास में भूमिका सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा है कि विश्वविद्यालय ऐसे नवीन पाठ्यक्रम प्रारंभ करें, जो बदले युग के अनुरूप हों और जिनमें युवाओं की अधिक रूचि हो।
राज्यपाल शनिवार को राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा के 13वें दीक्षांत समारोह में पीएचडी, एमटेक, एम.आर्क, बीटेक एवं बी.आर्क, एमबीए, एमसीए आदि उपाधियां प्रदान करने के बाद संबोधित कर रहे थे। दीक्षांत समारोह में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने पर नयांशी जैन को 2022 का कुलाधिपति स्वर्ण पदक जबकि नेहा सुराणा को 2023 का कुलाधिपति स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। दिव्यांशी यादव को 2022 को कुलपति स्वर्ण पदक एवं गजल लता को 2023 का कुलपति स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। कुल 44 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किये गये। विश्वविद्यालय की ओर से कुल 18 हजार 257 उपाधियां प्रदान की गई हैं।
राज्यपाल ने कहा कि ‘विकसित भारत 2047’ की संकल्पना का प्रमुख आधार उच्च एवं तकनीकी शिक्षा है। हमें विश्वविद्यालयों को इस तरह से तैयार करने की जरूरत है कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के उपयोग से भारत फिर से विश्वगुरू बन सके। उन्होंने उच्च शिक्षा को रोजगारपरक बनाने के साथ ही तकनीकी ज्ञान का उपयोग राष्ट्र के सर्वागीण विकास में किए जाने पर जोर दिया।
राज्यपाल ने कहा कि नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मूल भी यही है कि भारत आत्मनिर्भर बने। उन्होंने ऐसे विषयों पर विद्यार्थियों को तकनीकी रूप से दक्ष करने की आवश्यकता जताई जो वैश्विक मांग के अनुरूप हों। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत ऐसे युवाओं को तैयार करना है जो तर्कसंगत विचार करने और कार्य करने में सक्षम होने के साथ साथ उच्च मानवीय मूल्यों को धारण करने की क्षमता रखते हों।
उन्होंने कहा कि दीक्षांत शिक्षा का अंत नहीं बल्कि नये जीवन का आरंभ है। दीक्षांत का अर्थ है, दीक्षित होकर नये जीवन में प्रवेश। यह वह समय है जब विद्यार्थी विश्वविद्यालय में अर्जित ज्ञान का उपयोग राष्ट्र और समाज के उत्थान में करने के लिए सक्षम होते हैं।
समारोह की शुरूआत में राज्यपाल ने संविधान की उद्देशिका एवं मूल कर्तव्यों का वाचन किया। अपने दीक्षान्त भाषण में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. टी.जी. सीताराम ने कहा कि आज के युवाओं को कौशल सीखकर अपग्रेड होने की आवश्यकता है। भविष्य में तकनीकी कौशल वाले युवा ही अग्रणी भूमिका में होंगे। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एस.के.सिंह ने विश्वविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के बाद राज्यपाल ने विश्विद्यालय परिसर में पौधारोपण भी किया।
हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश/संदीप
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