दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा चार गुना तक बढ़ जाता है मधुमेह रोगियों कोः डॉ. पी. पी. पाटीदार

दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा चार गुना तक बढ़ जाता है मधुमेह रोगियों कोः डॉ. पी. पी. पाटीदार
WhatsApp Channel Join Now
दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा चार गुना तक बढ़ जाता है मधुमेह रोगियों कोः डॉ. पी. पी. पाटीदार


जयपुर, 15 नवंबर (हि.स.)। मधुमेह रोगियों की संख्या दुनियाभर में सबसे ज्यादा भारत में है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद इंडियाबी के अनुसार विश्व में 10 करोड़ मधुमेह रोगी हैं। भारत में इस बीमारी के जितने रोगी है वो एक विश्व रिकॉर्ड है। विश्व में भारत को मधुमेह की राजधानी कहा जाता है। मधुमेह रोग राष्ट्रीयता, लिंग या आर्थिक स्थिति के आधार पर भेदभाव नहीं करता है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार मधुमेह से होने वाली 80 प्रतिशत मृत्यु निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों में होती है। अधिकतर लोगो को मधुमेह का पता ही नहीं चलता है। ऐसा अनुमान है कि विश्व में मधुमेह से पीड़ित होने वाला हर पांचवा व्यक्ति भारतीय है। आमतौर पर मधुमेह के 90.95 प्रतिशत रोगी टाइप 2 या से पीड़ित होते हैं।

निदेशक मधुमेह एवं हार्मोन रोग विभाग जीवन रेखा हॉस्पिटल डां. पी. पी. पाटीदार ने बताया की भारत युवाओं का देश है और डायबिटीज रोग अब युवा शक्ति को ही खाने में लगा हुआ है। वर्तमान समय में इंडियन कौंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के सर्वे के मुताबिक 25 वर्ष से कम उम्र के 63.9 प्रतिशत युवा इसकी चपेट में है, जो की देश के लिए अच्छा नहीं है।

सबसे आम टाइप 2 मधुमेह है, जो तब होता है जब शरीर इंसुलिन के प्रति प्रतिरोधी हो जाता है या पर्याप्त इंसुलिन नहीं बनाता है। पिछले तीन दशकों में सभी आय स्तर वाले देशों में टाइप 2 मधुमेह का प्रसार तेजी से बढ़ गया है। 2025 तक मधुमेह और मोटापे में वृद्धि को रोकना विश्वव्यापी लक्ष्य है।

दुनिया भर में लगभग 42.2 करोड लोगों को मधुमेह है, जिनमें से अधिकांश निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं, और हर साल 15 लाख मौतें सीधे तौर पर मधुमेह के कारण होती हैं। पिछले कुछ दशकों में मधुमेह के मामलों की संख्या और व्यापकता दोनों ही लगातार बढ़ रही हैं। 2023 में प्रकाशित भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद - (आईसीएमआर इंडियाबी) के अनुसार, भारत में मधुमेह का प्रसार लगभग 10 करोड़ है।

इसलिए मनाया जाता है दिवस

विश्व मधुमेह दिवस प्रतिवर्ष 14 नवंबर को सर फ्रेडरिक बैंटिंग के जन्मदिवस पर मनाया जाता है, जिन्होंने अपने सहयोगी के साथ मिलकर इंसुलिन की खोज की थी तथा जिसका पहली बार मनुष्यों के ऊपर उपयोग किया गया था। यह दिवस प्रतिवर्ष सारे विश्व में मधुमेह से प्रभावित बढ़ते रोगियों में जागरूक फैलाने के लिए मनाया जाता है।

दो प्रकार का होता है मधुमेह रोग

एक मधुमेह टाइप 1 और दूसरा टाइप 2 मधुमेह। टाइप 1 में इस रोग को इंसुलिन निर्भर, किशोरावस्था या बचपन में शुरुआत होने वाले मधुमेह के रूप में जाना जाता है। इस रोग का कारण शरीर में इंसुलिन का न बनना है। यह रोग जन्म के बाद एवं बचपन में कभी भी हो सकता है। मधुमेह की इस अवस्था को नियमित इंसुलिन से प्रबंधित किया जा सकता है। इसी प्रकार टाइप 2 में इंसुलिन निर्भर, किशोर या बचपन में शुरुआत होने वाले मधुमेह के रूप में जाना जाता है। यह वह स्थिति होती है, जिसमें शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन का उपयोग करने में सक्षम नहीं होती हैं। आमतौर पर यह शारीरिक निष्क्रियता के साथ अधिक वजन वाले वयस्कों से जुड़ा है।

मधुमेह रोग के लक्षण

मधुमेह रोग होने पर मुख्य रूप से लगातार पेशाब आना, अत्यधिक प्यास लगना, जोर से भूख लगना, कमजोरी आना, वजन कम होना, आंखों की कमजोरी, पैरों में सूजन व सुन्नता, घाव एवं चोट का धीमी गति से ठीक होना आदि मुख्य लक्षण माने जाते हैं।

मधुमेह से बचने के मुख्य तरीके

ताजा फल व सब्जियों का सेवन करें। आहार में तेल का सेवन कम हो तथा रेशा युक्त खाद्य पदार्थों जैसे कि साबुत अनाजों, दालों एवं अंकुरित दालों को अधिक से अधिक मात्रा में शामिल करें। अधिक मात्रा में आहार का सेवन करने की बजाए दो-तीन घंटे के अंतराल पर थोड़ा-थोड़ा आहार लें। चीनी, अल्कोहल एवं वसायुक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें। जीवन शैली में बदलाव व आधे घंटे नियमित व्यायाम जरूरी।

हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश/संदीप

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story