सम्मुख कार्यक्रम में गीतों और गजलों की प्रस्तुति से मंत्र मुग्ध हुए श्रोता

सम्मुख कार्यक्रम में गीतों और गजलों की प्रस्तुति से मंत्र मुग्ध हुए श्रोता
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सम्मुख कार्यक्रम में गीतों और गजलों की प्रस्तुति से मंत्र मुग्ध हुए श्रोता


जयपुर, 26 नवंबर (हि.स.)। जवाहरलाल नेहरू मार्ग स्थित कलानेरी आर्ट गैलरी में रविवार शाम को सम्मुख कार्यक्रम आयोजित किया गया। ग्रासरूट मीडिया फाउंडेशन की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में कविताओं और गजलों की प्रस्तुति सुनकर श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए।

जोधपुर के कवि और शायर महावीर सिंह दिवाकर ने कई गजलों और दोहों की प्रस्तुति दी। दिवाकर ने आंखों में एक ख्वाब सुहाना बरसों से है पुरखों का इक गांव पुराना बरसों से है, सह ना सकूंगा मैं कजराई इतनी सी इस दुनिया में मेरी लड़ाई इतनी सी सुनाया। साथ ही फिर डंके की चोट बिकेगा आज जमुरे वोट बिकेगा से लोकतंत्र की विसंगतियों पर चोट की। इसके अलावा यह गजलें चिट्टियां हैं जो तुम्हारे नाम लिखी है मिलने की अर्जियां है जो तुम्हारे नाम लिखी है और कागज की इक नाव बनाऊं जी करता है सावन में बच्चा बन जाऊं जी करता है।

पाली जिले के बाली से आए दिनेश सूत्रधार ने पत्र, बेटी से बतियाते हुए, धोरे, प्रार्थना सहित कई कविताएं और गीत सुनाए।

रात जहां लिख गई चांद दिन वहां रख गया धूप, तुम जहां लिख गए स्पर्श शाम वहां बोलेगी कुमकुम, चांद धूप, स्पर्श और कुमकुम बस इतना ही काफी है प्रेम के लिए सुन कर श्रोताओं की प्रशंसा पाई। इस अवसर पर ग्रासरूट मीडिया फाउंडेशन के प्रमोद शर्मा ने कार्यक्रम की जानकारी दी। संचालन प्रदक्षिणा पारीक ने किया।

कार्यक्रम में कमल किशोर, पुष्कर उपाध्याय, देवकरण सैनी, विजय शर्मा, डॉ. अलका गौड़, विजय शर्मा, डॉ. नरेन्द्र गौड़ आदि उपस्थित रहे। इसके साथ ही संविधान दिवस का स्मरण किया गया। विधि की छात्राओं ने संविधान की उद्देशिका का पठन किया।

हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश सैनी/ईश्वर

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