नया रंगजी मंदिर का सालाना ब्रह्मोत्सव 26 मार्च से
अजमेर, 22 मार्च (हि.स)। तीर्थराज पुष्कर के दक्षिण शैली के प्राचीन मंदिर श्री रमा वैकुण्ठ दिव्य देश नया रंगजी मंदिर का सालाना ब्रह्मोत्सव आगामी 26 मार्च एवं श्री रंगनाथ वेणुगोपाल पुराना रंगजी मंदिर का ब्रह्मोत्सव कार्यक्रम आगामी 4 अप्रेल से शुरू होगा। दोनों मंदिरों के 11 दिवसीय कार्यक्रम के दौरान प्रतिदिन सुबह एवं शाम को नगर में भगवान के अलग अलग स्वरूपों में श्रृंगार कर गाजे बाजे के साथ सवारियां निकाली जायेगी तथा मंदिर के उत्सव मंडप में अनेक धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। दोनों में कार्यक्रम की तैयारियां शुरू हो गई है।
नये रंगजी मंदिर में 26 से सवारियां
श्री रमा वैकुंठ दिव्य देश नए रंगजी मंदिर में 26 मार्च मंगलवार से 11 दिवसीय सालाना ब्रह्मोत्सव का शुभारंभ होगा। मंदिर के व्यवस्थापक सत्यनारायण रामावत ने बताया कि महोत्सव के प्रथम दिन मंगलवार की शाम को विधिवत पूजा अर्चना के बाद विश्वकसेन जी की सवारी निकाली जाएगी। सवारी से पूर्व विश्वकसेन जी मंदिर के बगीचें में भ्रमण कर मृदाहरण करेंगे। 27 मार्च बुधवार को सुबह चतुस्तंभी की सवारी निकलेगी व शाम को सिंह वाहन पर सवार होकर भगवान वैकुंठनाथ नगर भ्रमण करेंगे। 28 को सुबह हंस वाहन एवं शाम को सूर्य प्रभा की सवारी निकाली जाएगी। 29 को सुबह गरूड़ वाहन एवं शाम को हनुमान वाहन पर सवार होकर भगवान शहर का भ्रमण करेंगे। 30 को सुबह शेष वाहन व शाम को चंद्र प्रभा एवं 31 को पालकी व शाम को शादुर्ल वाहन की सवारी निकाली जाएगी। 1 अप्रेल को बसंत की बड़ी सवारी पूरे लवाजमें के साथ समारोह पूर्वक निकाली जाएगी। 2 को सुबह कदम्ब वाहन एवं शाम को गज वाहन की सवारी निकाली जाएगी। 3 को सुबह जल विहार एवं शाम को अश्व वाहन की सवारी निकाली जाएगी। 4 मार्च को सुबह पालकी एवं शाम को पुण्य कोटि की सवारी निकाली जाएगी। महोत्सव का समापन 5 मार्च को सुबह पुण्य योग व शाम को पुष्प विमान की सवारी के साथ होगा।
पुराने रंगजी मंदिर में ब्रह्मोत्सव 4 अप्रेल से
श्री रंगनाथ वेणुगोपाल पुराना रंगजी मंदिर में 11 दिवसीय सालाना ब्रह्ममोत्सव 4 अप्रेल से शुरू होगा। महोत्सव का समापन 14 अप्रेल को होगा। मंदिर के न्यासी अनंत प्रसाद गनेरीवाल ने बताया कि ब्रह्मोत्सव के प्रथम दिन 4 अप्रेल गुरुवार की शाम को विधिवत पूजा अर्चना के बाद विश्वकसेन जी की सवारी निकाली जायेगी। 5 अप्रेल की शाम को अंकुरारोपण, गरूड़ प्रतिष्ठा के साथ भगवान विश्वकसेन जी की सवारी निकाली जायेगी। 6 अप्रेल को सुबह चतुस्तंभी सवारी एवं शाम को हंस वाहन की सवारी निकाली जाएगी। 7 को सुबह सूर्य प्रभा एवं शाम को चन्द्र प्रभा वाहन की सवारी निकाली जाएगी। 8 को सुबह गरूड़ वाहन एवं शाम को हनुमंत वाहन की सवारी निकाली जाएगी। 9 को सुबह शेष वाहन एवं शाम को आनंद वाहन की सवारी निकाली जाएगी। 10 को सुबह मोहिनी अलंकार पालकी एवं शाम कदम्ब वृक्ष की सवारी निकाली जाएगी। 11 अप्रेल को सुबह पालकी सवारी एवं शाम को गज वाहन की सवारी निकाली जायेगी। 12 अप्रेल शुक्रवार की शाम को बसंत की बड़ी सवारी समारोह पूर्वक निकाली जाएगी। 13 को सुबह जल विहार उत्सव एवं शाम को अश्व वाहन की सवारी निकाली जाएगी। महोत्सव का समापन 14 अप्रेल को सुबह चीरलीला पालकी, पुष्कर सरोवर में यज्ञ स्नान व शाम को पुष्प विमान की सवारी के साथ होगा।
हिन्दुस्थान समाचार/संतोष/संदीप
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