किसानों को बताए जैविक खेती के फायदे
जोधपुर, 29 दिसम्बर (हि.स.)। जिले के उपखंड भोपालगढ़ में कृषि-उद्यान के अधिकारियों ने जैविक खेती के बिन्दुओं पर विस्तृत चर्चा की।
सहायक कृषि अधिकारी रफीक अहमद कुरैशी ने कॉपरेटिव मार्केटिंग सोसायटी भोपालगढ़ में उपस्थित किसानों से चर्चा के दौरान कहा कि जैविक खेती आज की आवश्यकता है। इसमें आईपीएम पद्धति का विशेष महत्व होता है। बीज उपचार से पौधसंरक्षण तक कृषि क्रियाओं में जैविक तरीको को महत्व देने की प्राथमिकता होती है। फसल की मित्र फफूंद ट्राइकोडर्मा, फसल के मित्र कीट का संरक्षण, शस्य क्रियाएं, नीम आधारित एवं जैव आधारित कीटनाशक का प्रयोग करना अहम होता है। जैविक खाद नैडेप, वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट का अधिक प्रयोग करना चाहिये जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति बनी रहे। जैविक खाद बनाने में अधिक व्यय की आवश्यकता नहीं होती हैं खेत के आसपास व पर्यावरण से भी जैविक खाद बनाने की सामग्री मिल जाती है। मृदा की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने के लिए जैविक अवयवों का वर्तमान में उपयोग की आवश्यकता महसूस की जा रही है। भूमि का उपजाऊपन बना रहेगा तो उपज-उत्पादन में भी वृद्धि का लाभ होगा। जैविक खेतीं से फसल उपज की मूल गुणवत्ता बनी रहती है। इस मौके पर कानाराम परिहार, सुखदेव रलिया, परसराम खदाव, सुरेश लामरोड़, जितेंद्र सैनी, बंशीलाल मेघवाल, रामनारायण चौधरी, रामकरण चौधरी आदि किसान उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार/सतीश/ईश्वर
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