मानगढ़धाम में महिलाओं के सुहाग को लेकर बयान देने वाली शिक्षिका निलंबित

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मानगढ़धाम में महिलाओं के सुहाग को लेकर बयान देने वाली शिक्षिका निलंबित


डूंगरपुर, 25 जुलाई (हि.स.)। बांसवाड़ा के मानगढ़धाम पर 19 जुलाई को आयोजित कार्यक्रम में महिलाओं के सुहाग को लेकर बयानबाजी करने वाली महिला शिक्षक मेनका डामोर को शिक्षा विभाग ने निलंबित कर दिया है। राजस्थान आचरण नियम और शिक्षा विभाग की छवि को खराब करने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की गई है।

डामोर ने कहा था कि आदिवासी महिलाएं पंडितों के बताए अनुसार न चलें। आदिवासी परिवार में सिंदूर नहीं लगाते, मंगलसूत्र नहीं पहनते। आदिवासी समाज की महिलाएं-बालिकाएं शिक्षा पर फोकस करें। अब से सब व्रत-उपवास बंद कर दें। हम हिंदू नहीं हैं।

उल्लेखनीय है कि मानगढ़ धाम पर 19 जुलाई को रैली आयोजित की गई थी। रैली में राजकीय हायर सैकेंडरी स्कूल सादडीया की महिला शिक्षक मेनका डामोर ने भी महिलाओं के सुहाग को लेकर टिप्पणी की थी। महिला शिक्षक ने महिलाओं को मंगलसूत्र नहीं पहनने और मांग में सिंदूर नहीं लगाने को लेकर बयान दिए। इसे लेकर आदिवासी समाज की महिलाओं ने मेनका डामोर के बयानों पर आपत्ति जताई थी। शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक ने मामले में कार्रवाई करते हुए महिला टीचर मेनका डामोर को निलंबित कर दिया है। उसे राजस्थान आचरण नियम और विभाग की छवि खराब करने के लिए निलंबित किया गया है। महिला शिक्षक को निलंबन के दौरान दोवड़ा सीबीईओ ऑफिस में ड्यूटी के निर्देश दिए गए हैं।

गौरलतब है कि बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम पर 19 जुलाई को भील समाज की सबसे बड़ी संस्था आदिवासी परिवार सहित 35 संगठनों ने यह महारैली बुलाई थी। आदिवासी परिवार संस्था की संस्थापक सदस्य मेनका डामोर ने मंच से कहा था कि आदिवासी महिलाएं पंडितों के बताए अनुसार न चलें। आदिवासी परिवार में सिंदूर नहीं लगाते, मंगलसूत्र नहीं पहनते। आदिवासी समाज की महिलाएं-बालिकाएं शिक्षा पर फोकस करें। अब से सब व्रत-उपवास बंद कर दें। हम हिंदू नहीं हैं। आदिवासी परिवार संस्था चारों राज्यों में फैली हुई है।

हिन्दुस्थान समाचार / रोहित / ईश्वर

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