राज्य का सतत और दीर्घकालीन विकास बने प्राथमिकता: राज्यपाल
जयपुर, 9 मई (हि.स.)। राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि राज्य के संतुलित और सतत विकास के लिए सभी मिलकर कार्य करें। उन्होंने सर्वांगीण विकास के अंतर्गत आदिवासी कल्याण, शिक्षा, कृषि, पर्यटन, उद्योग आदि क्षेत्रों में सुनियोजित योजनाओं के जरिए दीर्घकालीन विकास को ध्यान में रखते हुए कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी (सीएसआर) के तहत राज्य के विकास से जुड़े प्रभावी कार्य हाथ में लेकर उनके क्रियान्वयन की भी आवश्यकता जताई।
राज्यपाल मिश्र गुरुवार को राजभवन में राज्यपाल सलाहकार मण्डल की बैठक में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्यपाल सलाहकार मंडल के अंतर्गत विषय विशेषज्ञों के सुझाव आमंत्रित कर उनके आधार पर प्रदेश के सतत, स्थायी और चहुंमुखी विकास के लिए कार्य किए जाने की पहल की गई है। विभिन्न क्षेत्रों में पूर्व की बैठकों में आए सुझावों के विश्वविद्यालयी शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में लागू करने से सकारात्मक परिणाम भी आए हैं। उन्होंने बैठक में राजस्थान में उपलब्ध संसाधनों का समुचित दोहन कर प्रदेश के युगानुकुल विकास के लिए कार्य किए जाने, उद्यमिता विकास के लिए प्रयास बढ़ाए जाने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि राजभवन स्तर पर राज्यपाल राहत कोष के पुनर्गठन, जनजातीय क्षेत्रों के प्रभावी विकास, आदिवासी क्षेत्रों के टिकाऊ विकास से जुड़े मुद्दों की मॉनिटरिंग के लिए राजभवन स्तर पर जनजातीय एकक की स्थापना की गई है। राजभवन में देश का पहला संविधान उद्यान निर्मित किया गया है।
राज्य सलाहकार समिति के सदस्यों ने बैठक में वनस्थली विद्यापीठ की तर्ज पर आदिवासी क्षेत्र में महिला विश्वविद्यालय की स्थापना किए जाने का भी विशेष रूप से सुझाव दिया। स्वास्थ्य क्षेत्र के अंतर्गत पब्लिक हेल्थ कैडर बनाने और शिशु और मातृ मृत्यु दर कम करने के लिए व्यावहारिक प्रयास किए जाने, सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में एआई के इस्तेमाल और आयुष्मान भारत के समेकित क्रियान्वयन पर जोर दिया गया। इसी तरह आदिवासी क्षेत्रों में ग्राम न्यायालयों की अधिकाधिक स्थापना, राजस्व मामलों में त्वरित न्याय पद्धति के विकास और ट्राइबल क्षेत्रों के लिए हाईकोर्ट बेंच स्थापित किए जाने का राजभवन स्तर पर प्रस्ताव भिजवाए जाने का भी सुझाव आया। उच्च और तकनीकी शिक्षा के अंतर्गत प्रशिक्षित मानव संसाधन के लिए उद्योग-एकेडमिया लिंक स्थापित करने, वित्तीय साक्षरता पर कार्य करने और रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम विकसित करते हुए पूरी तरह से ई गवर्नेंस लागू करने के महती सुझाव दिए गए। राज्य सलाहकार मंडल ने राज्य के आर्थिक और सांस्कृतिक विकास के लिए समन्वित प्रयास किए जाने, राजस्थान से बाहर के राज्यों के लघु और मध्यम, सूक्ष्म लघु उद्योगों की राज्य में स्थापना, उद्यमिता को केंद्र में रखकर कार्य करने और उद्यमिता प्रोत्साहन के लिए विभिन्न स्तरों पर कदम उठाए जाने पर भी जोर दिया।
बैठक में टीएमआई समूह के चेयरमैन टी. मुरलीधरन, एचआरएच ग्रुप के निदेशक लक्ष्यराज सिंह मेवाड़,वरिष्ठ अधिवक्ता आर.एन. माथुर, अर्थशास्त्री डॉ. मनोरंजन शर्मा, शिक्षाविद प्रो. एके गहलोत और डा. विश्वपति त्रिवेदी ने विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए अपने सुझाव दिए। राज्यपाल सलाहकार मंडल के सदस्यों ने राजभवन द्वारा नई शिक्षा नीति के आलोक में शैक्षिक गुणवत्ता के लिए किए गए कार्यों और राज्यपाल स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों में स्वयं मॉनिटरिंग कर विकास के लिए प्रभावी वातावरण निर्माण के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना की। राजभवन में देश के पहले संविधान पार्क की स्थापना की पहल को भी महत्वपूर्ण बताया गया। राज्यपाल के सचिव गौरव गोयल द्वारा आरंभ में विषय प्रवर्तन कर सुझाव रखने के लिए सदस्यों को आग्रह किया गया।
हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश/संदीप
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