राज विस चुनाव : कांग्रेस नेता गुलाम मुस्तफा ने दिया पार्टी से इस्तीफा
बीकानेर, 31 अक्टूबर (हि.स.)। कांग्रेस में बगावत की आंधी थमने का नाम नहीं ले रही है। बीकानेर पश्चिम में कांग्रेस नेता राजकुमार किराडू सबसे पहले पदों से इस्तीफा देकर विरोध में उतर आए हैं वहीं लूणकरणसर में वीरेन्द्र बेनीवाल के समर्थकों ने उग्र प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इन सबके बीच बीकानेर शहर से कांग्रेस के अल्पसंख्यक नेता गुलाम मुस्तफा ‘बाबू भाई’ ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। लिखा है-विगत 35 वर्षो से निस्वार्थ भाव से पार्टी की विचाराधरा को आगे बढ़ाने का काम करने के बावजूद वर्तमान परिस्थितियों संगठन की मजबूती के लिए काम करने मैं स्वयं को असहज महसूस कर रहा हूं। आज इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रहा हूं।
मीडिया से बातचीत में मुस्तफा ने काफी दर्द भरे लहजे में कहा, हालात देखकर लगता है कि अब वो कांग्रेस नहीं रही जिसके लिए हमने खून-पसीना बहाया था। कांग्रेस में अब हमारे जैसे लोगों के लिए जगह नहीं है। बहुत दुखी हो कर इस्तीफा दे रहा हूं। क्या करूंगा तय नहीं लेकिन अभी दिल्ली से लौट रहा हूं। यहां आकर सभी से मिलूंगा।
रंधावा के सामने तल्ख हुए थे मुस्तफा, कहा-35 साल से एक ही चेहरे
दरअसल गुलाम मुस्तफा इस बार शुरूआत से ही काफी तल्ख अंदाज में दिखे। उन्होंने 16 जुलाई को जब प्रभारी सुखजिंदरसिंह रंधावा को अपना बायोडाटा दिया तो रंधावा ने कहा-इस बार हम फाइल देखकर नहीं सर्वे में जीत की संभावना पर टिकट देंगे। इस पर बाबु भाई ने कहा था, ऐसा तो हमेशा से ही कहा जाता रहा है कि सर्वे को आधार बनायेंगे मगर होता इससे उल्टा है। अगर यह सच होता तो मुझे बहुत पहले पार्टी ने अवसर दे दिया होता। क्योकि मुझे आज भी फख्र है इस बात का कि मेरे पक्ष मे अनुशंसाऐं लिखने वाले बहुसंख्यक वर्ग के पार्टी कार्यकर्ता एवम सर्वसमाज के लोग हैं। हकीकत यह है कि चुनाव हारे या जीते चेहरे तो 35 सालों से लगभग वो ही रिपीट हुए हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/ईश्वर
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