नए साल में भी अधूरे वादे, कर्मचारियों में बढ़ता असंतोष:गजेंद्र सिंह राठौड़

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नए साल में भी अधूरे वादे, कर्मचारियों में बढ़ता असंतोष:गजेंद्र सिंह राठौड़


जयपुर, 31 दिसंबर (हि.स.)। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों के हित में की गई बजट घोषणाओं के पूर्ण न होने पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि नए साल की शुरुआत के साथ ही कर्मचारियों को उम्मीद थी कि उनकी मांगें पूरी होंगी। लेकिन सरकार की अनदेखी के कारण प्रदेश भर के कर्मचारियों में भारी आक्रोश व्याप्त है।

महासंघ ने सरकार के समक्ष निम्नलिखित पांच सूत्रीय मांगें प्रमुखता से रखी हैं। जिसमें प्रमुख मांंग है कि खेमराज कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद भी अधिकांश संवर्गों की विसंगतियां दूर नहीं हुई हैं। संघ की मांग है कि राज्य सरकार एक नई उच्चस्तरीय कमेटी गठित कर अधीनस्थ, तकनीकी, मंत्रालयिक, वाहन चालक, कार्य प्रभारीत संवर्ग की वेतन विसंगतियों का स्थाई समाधान करे। आरजीएचएस योजना में हाल ही में लगाए गए प्रतिबंधों और संशोधनों को तुरंत वापस लिया जाए ताकि कर्मचारियों को पहले की तरह कैशलेस और सुचारू स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। बोर्ड, निगम और कॉर्पोरेशन के कर्मचारियों को वर्ष 1989 के समझौते के आधार पर राज्य कर्मचारियों के समान ही वेतनमान और भत्ते दिए जाएं। विभिन्न विभागों में वर्षों से कार्यरत संविदा कर्मियों को नवीन भर्तियों में 'बोनस अंक' देने की अनिवार्यता लागू की जाए और साथ ही बजट घोषणा के अनुसार ठेका प्रथा को पूर्णतः समाप्त कर सरकारी एजेंसी के माध्यम से नियुक्तियां दी जाएं और न्यूनतम वेतन 18 हजार सुनिश्चित किया जाए। प्रदेशाध्यक्ष राठौड़ ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने इन न्यायोचित मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं लिया तो महासंघ एकीकृत प्रदेश व्यापी बड़े आंदोलन की घोषणा नव वर्ष में 4 जनवरी को आयोजित महासमिति की बैठक में करेगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

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