स्टेशन यार्ड में ट्रैफिक मूवमेंट को डिस्टर्ब किए बिना अधिक लम्बाई वाली मालगाड़ियों का आवागमन सुगम
जयपुर, 22 दिसंबर (हि.स.)। बीकानेर मंडल के किशनगढ़ बालावास स्टेशन पर महत्वपूर्ण रेल कार्यों का निष्पादन सफलतापूर्वक किया।
उत्तर-पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी शशिकिरण के अनुसार किशनगढ़ बालावास स्टेशन से गुजरने वाली लंबी मालगाडियों के सुगमता के साथ संचालन के लिए 1873 मीटर लंबी लूप लाइन की स्थापना की गई है। इस लूप लाइन के निर्माण का उद्देश्य है कि अधिक लम्बाई वाली मालगाड़ियां (लांगहॉल ट्रेन) को यार्ड के ट्रैफिक मूवमेंट को बिना किसी बाधा के सीधे इस लूप लाइन पर लिया जा सक और रवाना किया जा सके। साथ ही वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के साथ इस लूप लाइन का सीधा कनेक्शन होने से भारतीय रेलवे नेटवर्क की ट्रेनों का आदान-प्रदान आसानी से हो सकेगा। स्टेशन पर डिस्ट्रीब्यूटेड इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली कमीशनिंग की गई है इसमें नई स्थापित इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली को सेन्ट्रलाइज सिस्टम के साथ कनेक्ट किया गया है । इस प्रणाली के फलस्वरूप स्टेशन पर सिगनल, पांइट, रूट, और ट्रैक सर्किट का तीव्र व संरक्षित प्रोसेसिंग संभव हो सकेगी। इन कार्यों के होने से स्टेशन से गुजरने वाली मालगाड़ियों के संचालन को नई गति मिलेगी।
स्टेशन पर सिगनल एवं इंटरलॉकिंग प्रणाली का अपग्रेडेशन करने के तहत डिस्ट्रीब्यूटेड इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली कमीशन की गई, जिससे स्टेशन पर सिगनलिंग रूट्स की संख्या 43 से बढ़कर 74 हो गई है। इसके अतिरिक्त स्टेशन पर 12 मैन सिगनल, 02 शंट सिगनल, 23 ट्रैक सर्किट, 07 पाइंट मशीन तथा पुरानी इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली के स्थान पर अत्याधुनिक तकनीक युक्त इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली स्थापित की गई है।
किशनगढ़ बालावास स्टेशन पर लूप लाइन और सिगनलिंग कार्य मण्डल रेल प्रबंधक श्री गौरव गोविल तथा निर्माण विभाग के अधिकारियों के मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक किया गया।
अपग्रेडेशन कार्यों के उपरांत इस लाइन से पहली पूर्ण लम्बाई व सामान से भरी मालगाड़ी संरक्षित रूप से संचालित की गई है।
किशनगढ़ बालावास स्टेशन पर यह कार्यं वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर के न्यू रेवाड़ी स्टेशन और रेवाड़ी-हिसार सेक्शन के बीच मालगाड़ियों के बेहतर हैंडलिंग में अहम भूमिका निभाएगा। स्टेशन पर इन अपग्रेडेशन से कोयला रेकों की बिजली संयंत्रों तक निर्बाध आवाजाही संभव होगी, जिससे क्षेत्र की ऊर्जा आपूर्ति व्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजीव

