नेता प्रतिपक्ष का बड़ा आरोप : ओपीएस बंद करने के लिए दिल्ली से पर्ची आ चुकी है
जयपुर, 24 जनवरी (हि.स.)। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का कहना है कि राजस्थान के करीब साढ़े सात लाख कर्मचारियों को मिल रही ओल्ड पेंशन स्कीम सरकार लोकसभा चुनावों के बाद बंद कर सकती हैं। जूली ने बुधवार को विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव के जरिए ओल्ड पेंशन स्कीम के मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि जिस दिन बीजेपी राम का नाम ले रही थी। उसी दिन सरकार ने कृषि विभाग में नियुक्ति हुए कार्मिकों को ओपीएस की जगह एनपीएस देने की घोषणा की। यह बिल्कुल ऐसा नजर आता है, जैसे मुंह में राम-बगल में छुरी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के लाखों कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात करने के लिए दिल्ली से पर्ची आ चुकी है। प्रदेश के कर्मचारियों को यह भय है कि सरकार लोकसभा चुनाव निकलते ही एनपीएस लागू करेगी। आज प्रदेश का कर्मचारी वर्ग ओपीएस पर सरकार की मंशा जानना चाहता हैं। यह बड़ा दुख का विषय है कि सदन चल रहा है। सरकार इस प्रकार के निर्णय बिना सदन में रखे हुए ले रही है। यह सदन का अपमान है। सदन के सदस्यों के विशेषाधिकारों का हनन है। सरकार इस तरह से कोई भी नई स्कीम लागू नहीं कर सकती है। इस सरकार में बड़ी असमंजस की स्थिति हैं। यहां पहले एनपीएस का ऑर्डर निकल जाता है। उसके बाद ऑर्डर वापस भी ले लिया जाता हैं। अभी तक तो हमने पर्ची की सरकार देखी थी। अब ढीली सरकार भी देखने को मिल रही है।
असल में, 22 जनवरी को कृषि आयुक्तालय ने सहायक कृषि अनुसंधान (रसायन), सहायक कृषि अनुसंधान (वनस्पति) और सहायक कृषि अनुसंधान (पौध व्याधि) के पदों पर नव नियुक्ति कार्मिकों की सेवा शर्तों में ओपीएस की जगह एनपीएस दिए जाने का उल्लेख किया था। जब कर्मचारी संगठनों की ओर से इसका विरोध किया गया तो एक दिन बाद ही विभाग ने संशोधित आदेश जारी करते हुए एनपीएस की शर्त को हटा दिया गया है।
बाद में शून्यकाल में स्थगन प्रस्ताव के जरिए कांग्रेस विधायक जुबेर खान ने प्रदेश में बढ़ रही दुष्कर्म की घटनाओं को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी रामराज्य की स्थापना की बात कह रही है। लेकिन, रामराज्य में तो बेटियां सुरक्षित रहनी चाहिए। यह कैसा रामराज्य है। जहां बेटियां सुरक्षित नहीं है। पिछले दो माह से जब से बीजेपी सरकार बनी है। एक दिन भी ऐसा नहीं गया। जब प्रदेश में नाबालिग बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटना नहीं हुई। सत्ता पक्ष की ओऱ से जब जुबेर खान को टोका गया तो उन्होंने कहा कि हमारे शासन की बात मत करो। अगर आपने इस तरफ ध्यान नहीं दिया तो आप भी जल्दी इधर आकर बैठ जाओगे।
हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप
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