संस्कृत विद्यार्थियों के लिए कौशल विकास कार्यक्रम शुरू, 25 लाख पांडुलिपियों का करेंगे डिजिटिलाइजेशन

संस्कृत विद्यार्थियों के लिए कौशल विकास कार्यक्रम शुरू, 25 लाख पांडुलिपियों का करेंगे डिजिटिलाइजेशन
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संस्कृत विद्यार्थियों के लिए कौशल विकास कार्यक्रम शुरू, 25 लाख पांडुलिपियों का करेंगे डिजिटिलाइजेशन


बीकानेर, 12 जून (हि.स.)। केंद्रीय संस्कृति विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए कौशल विकास (स्किल डवलपमेंट) के कार्यक्रम की शुरूआत होने जा रही है। प्रतिवर्ष विद्यार्थियों के होने वाले इस कौशल विकास के कार्यक्रम के लिए उदयपुर में एक अनुबंध (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए। एमओयू पर धरोहर संस्थान के संस्थापक संजय सिंघल और केंद्रीय संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. श्रीनिवास वार्खेडी ने हस्ताक्षर किये। यह कार्यक्रम 42 दिन का होगा।

संजय सिंघल ने बताया कि इस इंटर्नशिप प्रोग्राम के जरिए विद्यार्थी प्राचीन पांडुलिपियों के संग्रहण का कार्य सीखेंगे, उसके बारे में जानेंगे और समझेंगे। इसके जरिए अपने जीवन कौशल के भविष्य की तस्वीर यहां से तैयार होगी जो इस ज्ञान के जरिए उनके जीवन में बहुत काम आएगी। उन्होंने बताया कि इस 42 दिवसीय इन्टर्नशिप कार्यक्रम में केंद्रीय संस्कृति विश्वविद्यालय की विभिन्न शाखाओं से 25 विद्यार्थी अपनी शैक्षणिक योग्यता का समुचित प्रयोग करते हुए धरोहर द्वारा किए जा रहे प्राचीन पांडुलिपियों के संग्रहण का कार्य सीखेंगे। इस इंटर्नशिप कार्यक्रम के दौरान दैनिक जीवन में उपयोगी कौशल को विकसित करने का भी अवसर प्राप्त करेंगे। सिंघल ने बताया कि धरोहर प्रतिवर्ष इस संस्थान के विद्यार्थियों के लिए इंटर्नशिप प्रोग्राम आयोजित करेगा। इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य अगले 20 वर्षों में 25 लाख पाण्डुलिपियों की डिजिटल प्रतिलिपियां बनाना, पृष्ठों को सही क्रम में रखना और उनको सूचीबद्ध करना है।

हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/ईश्वर

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