शीतला माता को लगा ठंडे पकवानों का भोग, रात से ही माता के मंदिरों में लगी रही कतारें
जयपुर, 1 अप्रैल (हि.स.)। शीतला सप्तमी का पर्व सोमवार को प्रदेशभर में परंपरागत उल्लास और उमंग के साथ मनाया जा रहा है। महिलाओं ने सवेरे जल्द ही शीतला माता के मंदिर पहुंच कर पूजा की व ठंडे पकवानों के माता का भोग लगाया। आज हर घर में सभी ने ठंडे पकवानों की प्रसादी ली। शीतला माता का पूजन करने के लिए महिलाएं सज-धज कर हाथों में पूजा सामग्री के थाल लिए रात से ही माता के मंदिरों में पहुंचने लगी। माता शीतला की पूजा-अर्चना कर महिलाओं ने परिवार की सुख समृद्धि व आरोग्य की कामना की।
पूजन के लिए महिलाओं को घंटों लाइन में खड़ा रहकर अपनी बारी आने का इन्तजार करना पड़ा। महिलाओं ने पूड़ी, दही से बने आइटम सहित अन्य पकवानों (बासोड़ा) का भोग शीतला माता को लगाया। महिलाओं ने व्रत भी रखे। जयपुर के नजदीक चाकसू कस्बे सहित ग्रामीण अंचलों में शीतला सप्तमी पर्व सोमवार को धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस मौके पर शीलकी डूंगरी स्थित शीतला माता के लक्खी मेले का शुभारंभ रविवार रात्रि भजन संध्या के साथ से हो गया है। शीलकी डूंगरी पर लक्खी मेले में श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया। मेले को लेकर मन्दिर ट्रस्ट समिति एवं प्रशासन की ओर से चाकचौबंद व्यवस्था की गई है। यहां लगने वाला वार्षिक लक्खी मेला सांस्कृतिक संगम और सामाजिक समरसता का संदेश देता है। मेला परिधी क्षेत्र में शांति व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन की ओर से मेला की सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी संख्या में पुलिस सुरक्षा बल व प्रशासनिक अधिकारी लगाए गए हैं। वही जन सहयोग से विभिन्न स्थानों पर श्रद्धालुओं के लिए रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के साथ जलपान की व्यवस्थाएं की गई है।
सोमवार सुबह घर घर महिला श्रद्धालुओं ने शीतला माता को ठंडे पकवान का भोग लगाया। ठंडे पानी से शीतला माता को नहलाया, चुनरी उड़ाई और गुलगुले, चावल, बाजरा,राबड़ी आदि का ठंडा प्रसाद शीतला माता को चढ़ाया गया। शीतला सप्तमी के एक दिन पहले रविवार से ही तरह-तरह के पकवान बनाने में महिलाएं घरों में व्यस्त रही। घरों में विशेषकर दही, रबड़ी, चावल, हलवा, पुरी, सूखी सब्जियां बनाई गई ताकि शीतला माता को इसका भोग लगाया जा सके। मान्यता हैं कि शीतला माता की पूजना करने एवं शीतला सप्तमी पर ठंडा भोजन करने से शरीर निरोगी रहता हैं। चेचक जैसे संक्रमण रोगों से माता शीतला रक्षा करती हैं। इसलिए शीतला सप्तमी के दिन घरों में गर्म खाना नहीं बनाते तथा ठंडा भोजन ही करते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ईश्वर
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