राज विस चुनाव: शाह ने फोन कर राजपाल को मनाया, कांग्रेस के बागी दाधीच-चौधरी ने नाम वापस लिया

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राज विस चुनाव: शाह ने फोन कर राजपाल को मनाया, कांग्रेस के बागी दाधीच-चौधरी ने नाम वापस लिया


जयपुर, 9 नवंबर (हि.स.)। राजस्थान विधानसभा चुनाव में गुरुवार का दिन काफी अहम रहा। नाम वापसी के अंतिम दिन भाजपा-कांग्रेस के लिए मुसीबत बने बागियों की मान-मनौव्वल का दौर चलता रहा। दोनों दलों में बगावत कई सीटों पर समीकरण बिगाड़ रही है। नाम वापसी के पहले दिन दोनों ही पार्टियां मुख्य सीटों पर बागियों को नहीं मना पाई। हालांकि, गृह मंत्री अमित शाह के बात करने पर झोटवाड़ा विधानसभा सीट पर बागी राजपाल सिंह शेखावत मान गए। अभी भी कांग्रेस के 11 और भाजपा के 15 बड़े नेता चुनाव की दौड़ में शामिल हैं।

झोटवाड़ा विधानसभा सीट पर भाजपा से बगावत कर निर्दलीय ताल ठोक चुके राजपाल सिंह शेखावत ने आखिरी दिन नाम वापस ले लिया। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह को फोन करके राजपाल से बात करने के लिए कहा। अरुण सिंह ने राजपाल को फोन कर बुलाया और समझाया। बुधवार देर शाम राजपाल ने कोर कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई। इस दौरान उन्होंने कहा कि जिस तरह से अमित शाह ने मुझे वादा किया है, इस बारे में सोचना जरूरी है। गुरुवार को राजपाल सिंह शेखावत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और उसके बाद नामांकन वापस ले लिया।

सूरसागर विधानसभा सीट (जोधपुर) से कांग्रेस के बागी रामेश्वर दाधीच ने बुधवार दोपहर करीब 12 बजे अपना नामांकन वापस ले लिया। उन्होंने नामांकन वापस लेने के पीछे की वजह साफ-साफ नहीं बताई। उन्होंने कहा कि मैं समर्थकों के कहने पर पार्टी के पक्ष में अपना नाम वापस ले रहा हूं। इस सीट पर आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) से प्रत्याशी अमीना बानो ने भी अपना नामांकन वापस ले लिया है। बड़ी सादड़ी विधानसभा सीट से पूर्व कांग्रेस विधायक प्रकाश चौधरी ने नामांकन वापस लिया। कांग्रेस ने इस सीट से बद्रीलाल जाट को प्रत्याशी बनाया था। ऐसे में टिकट कटने से नाराज प्रकाश चौधरी ने निर्दलीय नामांकन भरा था। बांसवाड़ा विधानसभा सीट से भाजपा से बागी हकरू मईडा ने भी अपना नाम वापस ले लिया। अब इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस में सीधी टक्कर देखने को मिलेगी। बांसवाड़ा विधानसभा से कांग्रेस ने मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया और भाजपा ने धन सिंह रावत को मैदान में उतारा है।

बांदीकुई विधानसभा सीट से बीजेपी के बागी पूर्व जिला प्रमुख विनोद शर्मा ने नामांकन वापस ले लिया। इस सीट पर कांग्रेस ने गजराज खटाना को अपना प्रत्याशी घोषित किया था। इसके बाद विनोद शर्मा ने पार्टी से बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया था।

बाड़ी विधानसभा सीट से बीजेपी के बागी विष्णु सिंघल ने पार्टी प्रत्याशी गिर्राज सिंह मलिंगा के समर्थन में अपना नामांकन वापस ले लिया। इस दौरान जिला अध्यक्ष सत्येंद्र पाराशर ने माला पहनाकर उनका स्वागत किया। सिविल लाइंस विधानसभा सीट से भी भाजपा को राहत मिली है। यहां बीजेपी के बागी रणजीत सिंह सोडाला ने नाम वापस ले लिया है। सिविल लाइंस से भाजपा ने गोपाल शर्मा को टिकट दिया है।

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी टिकट की घोषणा के बाद पहली बार चित्तौड़गढ़ पहुंचे। जोशी ने कहा- मुझे गाली दें, घर पर पत्थर फेंकें, लेकिन पार्टी को कुछ न कहें। पार्टी हमारी मां है। मैं यह सब कुछ सह सकता हूं। मैं हाथ जोड़कर निवेदन करता हूं कि मैं सब कुछ भुलाने को तैयार हूं। हम सब मिलकर पार्टी के लिए काम करते हैं। जोशी ने इस दौरान पार्टी से बागी हुए विधायक चंद्रभान सिंह आक्या का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके विरोध के जवाब में उन्होंने सब कुछ भूल कर वापस पार्टी के लिए काम करने की बात कही।

डूंगरपुर जिले की चौरासी विधानसभा से कांग्रेस के बागी को मनाने कांग्रेस के नेता उनके घर पहुंचे, लेकिन बैरंग लौटना पड़ा। यहां कांग्रेस से पूर्व सांसद और पूर्व जिला प्रमुख ताराचंद भगोरा मैदान में हैं। वहीं, टिकट नहीं मिलने से नाराज कांग्रेस के प्रदेश महासचिव महेंद्र बरजोड़ ने निर्दलीय नामांकन भरा है। कैबिनेट मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीया, एआईसीसी के सचिव दिनेश खोड़निया, प्रत्याशी ताराचंद भगोरा, जिलाध्यक्ष वल्लभराम पाटीदार समेत कई कांग्रेस नेता महेंद्र बरजोड़ को मनाने पहुंचे। उन्होंने फिर से मौका मिलने जैसी बातें करते हुए मान- मनौवल की, लेकिन बरजोड़ अपनी जिद पर अड़े रहे और चुनाव लड़ने के लिए चुनौती दे दी।

विधानसभा चुनाव में नाम वापसी के बाद अब जयपुर जिले की 19 विधानसभा सीटों पर कुल 199 उम्मीदवार ही चुनावी मैदान में बचे हैं। छह नवंबर को नामांकन के आखिरी दिन कुल 298 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र भरे थे। सात नवंबर को 35 के नामांकन पत्र रद्द कर दिए थे। इसके बाद दो दिन 8 और 9 नवंबर को नाम वापसी का समय दिया, जिसमें कुल 55 उम्मीदवारों ने नाम वापस ले लिया। गुरुवार को नामांकन के आखिरी दिन 19 सीटों पर 46 उम्मीदवार नामांकन वापस लेने पहुंचे। इसमें सबसे बड़ा नाम झोटवाड़ा से राज्यपाल सिंह शेखावत का था, जो बीजेपी से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने मैदान में उतरे थे।

जयपुर शहर की चार सीटों से बीएसपी के प्रत्याशियों ने नामांकन वापस ले लिया है। सांगानेर से बीएसपी प्रत्याशी रामलाल चौधरी ने भी नामांकन वापस लिया। चौधरी ने कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पेंद्र भारद्वाज को समर्थन देते हुए नाम वापस लिया है। वहीं, आदर्श नगर से बीएसपी प्रत्याशी हसन राजा ने भी लिया नाम वापस ले लिया है। हवामहल से बीएसपी प्रत्याशी तरुषा पाराशर ने नाम वापस लिया है। इस दौरान भाजपा प्रत्याशी बालमुकुंद आचार्य भी मौजूद रहे। वहीं, सिविल लाइन से बसपा से अरुण चतुर्वेदी ने नामांकन वापस ले लिया है। सबसे ज्यादा प्रत्याशी अब झोटवाडा में चुनाव लड़ेंगे, यहां कुल 18 प्रत्याशी है। वहीं, सबसे कम प्रत्याशी दूदू में 4 है। हालांकि जब नामांकन पत्र भरे गए थे, तब सबसे ज्यादा प्रत्याशी आदर्श नगर से 31 थे, लेकिन वहां अब 14 ही प्रत्याशी मैदान में रह गए है। यहां 8 प्रत्याशियों ने नाम वापस लिए है, जबकि 9 प्रत्याशियों के नाम खारिज हो गए थे।

अब कोटपूतली में 9, विराटनगर में 11, शाहपुरा में 6, चौमूं में 9, किशनपोल में 8, विद्याधर नगर में 13, सिविल लाइन में 10, आदर्श नगर में 14, सांगानेर में 16 प्रत्याशी, फुलेरा में 8, चाकसू में 5, हवामहल में 10, बगरू में 12, मालवीय नगर में 10, जमवारामगढ़ में 8, बस्सी में 13, आमेर में 15, झोटवाड़ा 18 और दूद में 4 प्रत्याशी मैदान में हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप

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