पशु स्वास्थ्य और उत्पादकता में तकनीकी हस्तक्षेप पर सेमिनार का शुभारंभ

पशु स्वास्थ्य और उत्पादकता में तकनीकी हस्तक्षेप पर सेमिनार का शुभारंभ
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पशु स्वास्थ्य और उत्पादकता में तकनीकी हस्तक्षेप पर सेमिनार का शुभारंभ


जयपुर, 17 फ़रवरी (हि.स.)। अपोलो कॉलेज ऑफ वेटरनरी मेडिसिन जयपुर में शनिवार एसोसिएशन ऑफ एनिमल साइंटिस्टस का द्वितीय वार्षिक सम्मेलन सहित पशु स्वास्थ्य और उत्पादकता में तकनीकी हस्तक्षेप पर सेमिनार का शुभारंभ हुआ। इस सेमिनार में विभिन्न वेटरनरी विश्वविद्यालय के लगभग तीन सौ प्रोफेसर एवं वैज्ञानिक भाग ले रहे है।

इस संगोष्ठी में विभिन्न संबंधित विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान दिये जायेंगे। इसके अलावा पोस्टर के माध्यम से भी वैज्ञानिक जानकारी दी जायेगी। यह सेमिनार सोमवर तक आयोजित की जाएगी। इस संगोष्ठी में डॉ.विकास पाठक, अधिष्ठाता, डूवासु, मथुरा, डाॅ.डी.एस.मीणा, अधिष्ठाता, सीएफडीटी, बस्सी, डाॅ. बी.पी.शुक्ला, अधिष्ठाता, एनडीवीएसयू, जबलपुर, डाॅ.अर्चना पाठक, डाॅ. आर.के.धुरिया, निदेशक, प्रसार शिक्षा, राजूवास, बीकानेर एवं डॉ. डी.एस. राजोरिया, सदस्य, भारतीय पशु चिकित्सा परिषद, नई दिल्ली, डॉ.आर.के बघेरवाल, निदेशक, क्लिनिक, एनडीवीएसयू, एम.पी. भाग ले रहे है।

कार्यकारी न्यासी अपोलो एनिमल मेडिकल ग्रुप ट्रस्ट जयपुर डाॅ.दूल्हे राम मीना ने बताया कि इस अवसर पर सेमिनार के मुख्य अतिथि, डॉ. नितिन वी.पाटिल, कुलपति, महाराष्ट्र पशु और मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय, नागपुर ने पशुपालन क्षेत्र डेयरी, मछली पालन, आईवीएफ व फीड एवं फोडर की कमी के संबंध में विस्तृत चर्चा की।

हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश/संदीप

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