65 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों में असुरक्षित स्पर्श पर जागरुकता का दूसरा चरण शनिवार को

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65 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों में असुरक्षित स्पर्श पर जागरुकता का दूसरा चरण शनिवार को


जयपुर, 25 अक्टूबर (हि.स.)। प्रदेश के 65 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों में ‘सुरक्षित स्कूल-सुरक्षित राजस्थान‘ (एसएसएसआर-सेफ स्कूल सेफ राजस्थान) अभियान के तहत ‘नो बैग डे‘ पर शनिवार (28 अक्टूबर) को असुरक्षित स्पर्श (गुड टच बैड टच) के बारे में जागरुकता का दूसरा चरण आयोजित होगा। इसके तहत एक ही दिन में एक निश्चित समयावधि (प्रातः 8 से 12 बजे के दौरान) में सभी बच्चों को स्कूलों के स्तर पर तैयार किए गए मास्टर ट्रेनर्स विशेष प्रशिक्षण देंगे।

स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने बताया कि विशेष रूप से तैयार इस ट्रेनिंग मॉड्यूल के तहत बच्चों को बैड टच की स्थिति में चिल्लाते हुए ‘नो‘ बोलकर उस स्थान या व्यक्ति से सावधानी के साथ दूर भागने (गो) और इसके बारे में बिना किसी डर या घबराहट के किसी बड़े या जिस पर उनको सबसे ज्यादा भरोसा हो, को इसके बारे में बताने (टैल) की ‘नो-गो-टैल की थ्योरी सिखाई जाती है। जैन ने बताया कि मनोवैज्ञानिकों और विशेषज्ञों का मानना है कि नियमित अंतराल पर यदि तीन चरणों में बच्चों को इस संवेदनशील विषय पर प्रशिक्षित किया जाए तो ये स्थाई रूप से उनकी समझ और व्यवहार का हिस्सा बन जाता है। वे ‘असुरक्षित स्पर्श‘ का सजगता और सतर्कता से सामना करते हुए खुद को सुरक्षित रख सकते है।

उन्होंने बताया कि इसी उद्देश्य से स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा चरणबद्ध रूप से प्रशिक्षणों की रूपरेखा तैयार की गई है। इस माह दूसरे चरण के बाद नए साल में जनवरी माह में प्रशिक्षण का तीसरा चरण आयोजित होगा। अभियान के पहले चरण में गत 26 अगस्त (शनिवार) को प्रदेश की 65 हजार 122 सरकारी स्कूलों में ‘नो बैग डे‘ की गतिविधि के तहत एक लाख से अधिक सेशंस में 58 लाख से अधिक बच्चों को ‘असुरक्षित स्पर्श‘ के बारे में जागरूक और प्रशिक्षित किया गया था।

शासन सचिव ने बताया कि विभाग की इस अभिनव पहल के तहत राज्य स्तर पर 1200 मास्टर ट्रेनर्स को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। इनके माध्यम से जिलों में आयोजित ट्रेनिंग सेशंस में संबंधित जिले के सभी स्कूलों से एक शिक्षक को ‘मास्टर ट्रेनर‘ बनाया गया है। वहीं प्रदेश के समस्त स्कूलों में प्रशिक्षण के दौरान प्रयोग में ली जाने वाली आवश्यक सामग्री भी पहुंचाई गई। प्रथम चरण में स्कूलों के स्तर पर तैयार इन ‘मास्टर ट्रेनर्स‘ द्वारा अपने-अपने विद्यालयों में समस्त बच्चों को असुरक्षित स्पर्श (गुड टच बैड टच) की ट्रेनिंग दी गई थी। इसी तर्ज पर ‘नो बैग डे‘ के तहत आगामी शनिवार (28 अक्टूबर) को प्रदेश के 65 हजार से अधिक विद्यालयों में दूसरा चरण आयोजित होगा। इसके लिए विभागीय अधिकारी, जिलों के नोडल प्रभारी तथा सभी स्कूलों के संस्था प्रधानों को आवश्यक निर्देश जारी किए गए है।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप

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