गत दो वर्षों में एससी—एसटी अत्याचार मामलों में 28.23 प्रतिशत की आई कमी: डीजीपी शर्मा
जयपुर, 4 दिसंबर (हि.स.)। राज्य सरकार के निर्देशानुसार राजस्थान पुलिस ने समाज के कमजोर एवं वंचित वर्गों के विरुद्ध होने वाले अपराधों पर विशेष संवेदनशीलता बरतने और नवीन आपराधिक कानूनों को कठोरता से लागू करने पर विशेष फोकस किया हुआ है और इसके सकारात्मक परिणाम भी नजर आ रहे हैं।
वर्ष 2023, 2024 तथा 2025 के माह नवंबर तक दर्ज आंकड़ों के आधार पर अनुसूचित जाति/जनजाति के विरुद्ध घटित अपराधों में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। अपराधों में कमी की यह उपलब्धि पुलिस द्वारा समाज के कमजोर वर्गों के प्रति संवेदनशीलता, त्वरित कार्यवाही तथा कानून के कठोर और प्रभावी क्रियान्वयन का परिणाम है।
पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार शर्मा ने बताया कि सीसीटीएनएस के अनुसार नवंबर 2023 की तुलना में नवंबर 2025 में कुल एससी—एसटी अत्याचार मामलों में 28.23 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि नवंबर 2024 की तुलना में नवंबर 2025 में 17 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि राज्य में कानून-व्यवस्था और निचले वर्गों की सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार के निर्देशन में पुलिस ने निरंतर और प्रभावी सुधारात्मक कदम उठाए हैं।
डीजीपी शर्मा ने बताया कि नवंबर 2023 में एससी—एसटी अत्याचार संबंधित दर्ज 10,273 प्रकरणों की तुलना में वर्ष 2025 में केवल 7,373 प्रकरण दर्ज हुए, जो 2,900 मामलों की कमी तथा 28.23 प्रतिशत की गिरावट को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। वर्ष 2024 से वर्ष 2025 की तुलना करें तो भी वर्ष 2024 में 8883 प्रकरण दर्ज हुए थे तो वर्ष 2025 में 7373 प्रकरण दर्ज हुए। इस अनुसार गत एक वर्ष में कुल अपराधों में 17 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।
राजस्थान पुलिस ने समाज के कमजोर वर्गों के विरुद्ध अपराधों के अन्वेषण में निरंतर कठोरता और संवेदनशीलता अपनाई है। एससी—एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत त्वरित एफआईआर पंजीकरण की नीति से शिकायतकर्ताओं में विश्वास बढ़ा है और जांच की गति भी तेज हुई है। इसी का परिणाम है कि जांच का औसत समय वर्ष 2023 में 124 दिवस था, जो घटकर 2024 में 109 दिवस और 2025 में मात्र 75 दिवस रह गया है, यह अन्वेषण में अभूतपूर्व तेजी को दर्शाता है।
डीजीपी शर्मा ने बताया कि राजस्थान पुलिस ने समाज के कमजोर एवं वंचित वर्गों के विरुद्ध होने वाले अपराधों पर कठोर निगरानी रखते हुए अन्वेषण कार्यों में गति बढ़ाई है। गंभीर अपराध जैसे हत्या, बलात्कार, अपहरण, गंभीर चोट एवं एससी—एसटी अत्याचार के प्रकरणों में त्वरित अनुसंधान से अपराध नियंत्रण में अत्यंत सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं।
राजस्थान पुलिस ने नए आपराधिक कानूनों को लागू करते हुए प्रकरणों के 60 दिवस के भीतर निस्तारण के लक्ष्य पर विशेष फोकस किया है। इससे पीड़ितों को शीघ्र न्याय प्राप्त होगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

