सरिस्का को आबाद करने वाली उम्रदराज बाघिन एसटी 2 की बीमारी से मौत
अलवर, 9 जनवरी (हि.स.)। वर्ष 2008 में जब सरिस्का बाघ विहीन हो गया था, तब रणथम्भोर से एक बाघिन को सरिस्का में बसाया गया, जिसका नाम एसटी- 2 रखा गया। बाघिन ने सरिस्का में एक बाघ और तीन बाघिनों को जन्म दिया था। आज सरिस्का की सबसे उम्रदराज बाघिन एसटी 2 की बीमारी से मौत हो गई।
सरिस्का के डीएफओ डीपी जगावत ने बताया कि सरिस्का टाईगर रिजर्व के नया पानी करणाकाबास एनक्लोजर में उपचाराधीन उम्रदराज बाघिन एसटी-2 की पूंछ में घाव था। राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा जारी एसओपी के अनुरूप मुख्य वन संरक्षक एवं क्षेत्र निदेशक, बाघ परियोजना सरिस्का द्वारा गठित कमेटी, अधिकारियों और चिकित्सकों द्वारा निगरानी एवं उपचार किया जा रहा था। आज दोपहर बाघिन एसटी-2 ने दम तोड दिया। बाधिन एसटी-2 की उम्र 19 साल से अधिक थी। बाधिन एसटी-2 को 2008 को रणथम्भौर से लाकर सरिस्का टाईगर रिजर्व में पुनर्निर्वासित किया गया था। बाधिन एसटी-2 ने बाघिन एसटी-7, बाघिन एसटी-8, बाघ एसटी-13 एवं बाघिन एसटी-14 को जन्म दिया।
हिन्दुस्थान समाचार/ मनीष/संदीप
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