विकसित भारत के लिए संस्कृत विद्वानों का आह्वान
जयपुर, 22 दिसंबर (हि.स.)। जगद्गुरु रामानन्दाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय में शुक्रवार को विकसित भारत 2047 पर हुए कार्यक्रम में परिचर्चा हुई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. रामसेवक दुबे ने कहा कि संस्कृत के विद्वानों को परस्पर सहयोग से भारत को आगे बढ़ाने में अपनी भूमिका निर्धारित करनी चाहिए। संस्कृत के ग्रंथों में वे रहस्य भरे हुए हैं, जिनसे भारत विश्वगुरु बन सकता है। सारस्वत अतिथि के रूप में जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर के प्रो. सत्यप्रकाश दुबे ने कहा कि विकसित भारत का उद्देश्य आजादी के 100वें वर्ष यानी वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है। प्रस्तावना डॉ. विनोद शर्मा ने रखी। मंगलाचरण डॉ. शंभु कुमार झा और संयोजन साहित्य विभागाध्यक्ष डॉ. मधुबाला शर्मा ने किया। विश्वविद्यालय प्रवक्ता शास्त्री कोसलेंद्रदास ने बताया कि विद्याथियों से उनके विचार विकसित भारत की वेबसाइट पर अपलोड करवाए गए हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ईश्वर
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