सफाई कर्मचारी रहे हड़ताल पर, सिर्फ आधे शहर में सफाई
जयपुर, 26 नवंबर (हि.स.)। राजस्थान में सफाई कर्मचारी भर्ती को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। अनुभव प्रमाण पत्र में ठेकेदार के शपथ पत्र को लेकर विवाद के चलते मंगलवार को सफाई कर्मचारी हड़ताल पर रहे। सफाई कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार के चलते आधा शहर सफाई से वंचित रहा। हालांकि सफाई कर्मचारियों का एक धड़े ने काम किया।
दूसरे धडे का कहना है कि हम सफाई के काम में जुटे है, लेकिन सफाई के काम में जुटे कर्मचारियों को निगम या प्रशासन द्वारा सुरक्षा उपलब्ध करवाने की जरुरत है। सरकार ने सफाई कर्मचारी संगठन को भंग कर चुनाव की अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है।
संयुक्त वाल्मीकि एवम सफाई श्रमिक संघ के आह्वान पर मंगलवार को जयपुर शहर में सफाई कर्मचारियों ने सामूहिक अवकाश लेकर सफाई कार्य का बहिष्कार किया। सफाई कर्मचारियों की प्रमुख मांग अनुभव प्रमाण पत्र पर अधिकारियों द्वारा प्रतिहस्ताक्षर नही किए जा रहे है। कुछ चुनिन्दा लोगो के अनुभव प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर किए जा रहे है। सभी कर्मचारी सुबह 8 बजे से वार्डों से एकत्रित होकर हैरिटेज नगर निगम कार्यालय में एकत्रित होकर सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक कर्मचारियों ने मीटिंग आयोजित की गई। दोपहर 3 बजे हैरिटेज निगम आयुक्त की अध्यक्षता में समझौता वार्ता की मीटिंग रखी गई जो विफल रही। वार्ता विफल होने पर सफाई कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार यथावत जारी रखने का फैसला लिया है।
आवेदन की आज आखिरी तारीख
दरअसल सरकार की ओर से सफाई कर्मचारी भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन की तारीख को 27 नवंबर तक बढ़ाया गया था। ऐसे में आवेदन करने वाले सफाई कर्मचारियों के पास अनुभव प्रमाण पत्र के साथ आवेदन करने के लिए महज एक दिन का समय बचा है। ठेकेदारों के जरिए बीट्स पर काम कर चुके कर्मचारियों से ईएसआई-पीएफ के दस्तावेज मांगे जा रहे हैं। इसके चलते उनके अनुभव प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे हैं। इसको लेकर वाल्मीकि समाज से जुड़े सफाई कर्मचारियों ने एक बार फिर कार्य बहिष्कार करने का ऐलान किया है। इसके साथ ही अधिकारियों पर पैसे लेकर फर्जी प्रमाण पत्र बनाने का आरोप भी लगाया है।
वाल्मीकि समाज के साथ हो रहा धोखा
सफाई कर्मचारी नेता नंदकिशोर डंडोरिया ने कहा कि अधिकारियों का यही मकसद है कि धीरे-धीरे समय निकल जाए। वाल्मीकि समाज के युवा इस भर्ती में शामिल न हो सके। अधिकरियों और कर्मचारियों की यह मिलीभगत वाल्मीकि समाज के साथ कुठाराघात और धोखा है। अधिकारी गैर वाल्मीकि समाज के फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र बना रहे हैं। उनके न तो ईएसआई-पीएफ का रिकार्ड देखा गया। न ही कोई शपथ पत्र देखा गया। जबकि वाल्मीकि समाज के लोगों से शपथ पत्र भी मांगा जा रहा है और ईएसआई पीएफ का रिकॉर्ड भी मांगा जा रहा है। क्योंकि कुछ अधिकारी भी वाल्मीकि समाज के लोगों को इस सफाई कर्मचारी भर्ती से दूर करना चाहते हैं।
उन्होंने बताया- एक महिला का प्रमाण पत्र तो सीवर चेंबर की सफाई का बनाया गया है। जबकि वाल्मीकि समाज की ही कोई महिला कभी सीवर चेंबर में नहीं उतरी है। वो गैर वाल्मीकि समाज की है। उन्होंने चेतावनी दी कि अनुभव प्रमाण पत्र बनाने में यदि सौतेला व्यवहार किया गया तो अभी हमने जयपुर में हड़ताल की है। अगर सरकार ने जल्द हमारी मांग पूरी नहीं की। फिर पूरे प्रदेश में हड़ताल की जाएगी।
ठेकेदार नहीं दे रहे शपथ-पत्र
सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के बाद हेरिटेज निगम कमिश्नर अरुण हसीजा ने कहा सफाई कर्मचारी भर्ती में अनुभव प्रमाण पत्र को लेकर समस्या आ रही है। ठेकेदारों ने तत्कालीन कार्मिकों का ईएसआई और पीएफ नहीं काटा था। न ही ऐसे कार्मिकों का कहीं कोई नाम दर्ज है। ऐसे लोगों का सत्यापन करने में परेशानी हो रही है। पिछली बातचीत में तय हुआ था कि ठेकेदार इस संबंध में कोई शपथ पत्र दे दे कि उन्होंने ईएसआई-पीएफ न काटकर के नकद तनख्वाह दी है। इस तरह के शपथ पत्र को भी मान्य मान लिया जाता। ठेकेदारों ने इस तरह का कोई शपथ पत्र देने से इनकार कर दिया। कमिश्नर ने श्रमिक संघ के पैसा लेकर अनुभव प्रमाण पत्र बनाए जाने के आरोप को सिरे से खारिज कर कहा कि 2 जोन कार्यालय से तो कोई अनुभव प्रमाण पत्र जारी ही नहीं हुए। एक जोन से 11 और एक जोन से उपायुक्त ने खुद की संतुष्टि के बाद 609 प्रमाण पत्र जारी किए हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजेश
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