सुशासन और सेवा हमारी सरकार की कार्य संस्कृति - मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा

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सुशासन और सेवा हमारी सरकार की कार्य संस्कृति - मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा


सुशासन और सेवा हमारी सरकार की कार्य संस्कृति - मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा


भीलवाड़ा, 20 दिसंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा है कि राज्य सरकार ने अपने दो वर्ष के कार्यकाल में जनकल्याण और विकास की ऐसी मजबूत नींव रखी है, जिससे राजस्थान को अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। सुशासन, सेवा और संवेदनशीलता को सरकार की कार्य संस्कृति बताते हुए उन्होंने कहा कि आमजन की समस्याओं का समाधान समयबद्ध, पारदर्शी और मानवीय दृष्टिकोण से करना ही सरकार का मूल उद्देश्य है।

मुख्यमंत्री शनिवार को भीलवाड़ा जिले के मांडलगढ़ में आयोजित ग्रामीण समस्या समाधान शिविर का अवलोकन करने के बाद विशाल जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण और शहरी सेवा शिविरों के माध्यम से सरकार की योजनाओं और सेवाओं को अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति तक पहुंचाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस पर इन सेवा शिविरों की शुरुआत इसी भावना के साथ की गई थी कि शासन और जनता के बीच की दूरी समाप्त हो और प्रशासन सीधे आमजन से जुड़े।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण समस्या समाधान शिविरों ने जनसेवा के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इन शिविरों में अधिकारी और आमजन एक ही मंच पर बैठकर समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। अब तक 4 लाख 80 हजार से अधिक मूल निवास और जाति प्रमाण पत्र, 2 लाख 57 हजार से अधिक पट्टों का वितरण, 5 लाख से अधिक फार्मर रजिस्ट्री, भू-राजस्व शुद्धिकरण और नामांतरण के प्रकरणों का निस्तारण किया जा चुका है। इसके साथ ही लगभग सवा तीन लाख मंगला पशु बीमा पॉलिसी जारी की गई हैं तथा करीब 14 लाख लोगों की टीबी स्क्रीनिंग की जा चुकी है।

मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि शिक्षा, सड़क, बिजली और पानी जैसे बुनियादी क्षेत्रों में राज्य सरकार ने अभूतपूर्व कार्य किए हैं। प्रदेश को जल-संपन्न बनाने के लिए राम जल सेतु लिंक परियोजना, यमुना जल समझौता सहित कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर काम शुरू हो चुका है। जल जीवन मिशन के तहत लगभग 14 लाख ग्रामीण परिवारों को नल से जल उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने बताया कि 22 जिलों में किसानों को दिन में बिजली आपूर्ति शुरू हो चुकी है, जबकि शेष जिलों में कार्य प्रगति पर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान सम्मान निधि के अंतर्गत 76 लाख 18 हजार किसानों को 10 हजार 432 करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित की जा चुकी है। इसके अलावा 2025-26 में गेहूं की खरीद पर 150 रुपये प्रति क्विंटल अतिरिक्त बोनस भी दिया जा रहा है। युवाओं के लिए सरकार ने पांच वर्षों में 4 लाख सरकारी नियुक्तियों का लक्ष्य रखा है। दो वर्षों में 92 हजार से अधिक युवाओं को नियुक्तियां दी जा चुकी हैं, जबकि 1 लाख 53 हजार से अधिक पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने भीलवाड़ा जिले में 322 करोड़ रुपये से अधिक की लागत के 30 विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इनमें जीएसएस, स्वास्थ्य केंद्र, प्रयोगशालाएं, विद्यालय, महाविद्यालय और उप तहसील कार्यालय से जुड़े कार्य शामिल हैं। उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों में भीलवाड़ा जिले में लगभग 2,900 करोड़ रुपये के करीब 50 हजार विकास कार्य किए गए हैं और विभिन्न योजनाओं के तहत जिलेवासियों को 4 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने केवल दो वर्षों में वह कार्य किए हैं, जो पिछली सरकार पांच वर्षों में भी नहीं कर पाई। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि दो वर्षों में बिजली उत्पादन क्षमता में 6,363 मेगावाट की वृद्धि की गई, जबकि पूर्ववर्ती सरकार ने पांच वर्षों में केवल 3,952 मेगावाट की वृद्धि की थी। इसी प्रकार गौशालाओं को दो वर्षों में 3,433 करोड़ रुपये की सहायता दी गई, जो पिछली सरकार के पूरे कार्यकाल से अधिक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। लगभग 200 कार्मिकों को निलंबित किया गया है और 34 मामलों में अभियोजन की स्वीकृति दी जा चुकी है। पेपर लीक मामलों में 138 एफआईआर दर्ज कर 394 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि सरकार के कार्यकाल में 296 भर्ती परीक्षाएं पूरी पारदर्शिता के साथ आयोजित की गई हैं।

उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने मुख्यमंत्री के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि सरकार हर वर्ग के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है। कार्यक्रम में सांसद दामोदर अग्रवाल, विधायक श्रीचंद कृपलानी सहित कई जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने शिविर में विभिन्न विभागों की स्टॉल्स का अवलोकन किया और दिव्यांगजनों को स्कूटी वितरित की, जिससे आयोजन जनसेवा का सजीव उदाहरण बन गया।

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हिन्दुस्थान समाचार / मूलचंद

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