अंगदान के प्रति जागरुकता के लिए चलाएं अभियान, इससे जुड़ी सेवाओं का हो विस्तार : राज्यपाल मिश्र
जयपुर /बीकानेर, 29 जुलाई (हि.स.)। राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि भारत में प्रतिवर्ष लगभग 5 लाख लोग अंग प्रत्यारोपण नहीं होने से अपनी जांन गंवा रहे हैं। अंग प्रत्यारोपण की आवश्यकता और अंग उपलब्ध होने की संख्या के बीच अभी भी बहुत बड़ा अंतर है। इसके मद्देनजर अंगदान के प्रति जागरूकता का सघन अभियान चलाना जरूरी है।
राज्यपाल मिश्र ने सोमवार को रवींद्र रंगमंच पर इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज और स्टे ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अंगदान एवं प्रत्यारोपण जागरूकता संवाद तथा सम्मान समारोह में यह उद्गार व्यक्त किए। उन्होंने अंगदान कर दूसरों को नया जीवन देने वाली महान आत्माओं को नमन किया और कहा कि यह मानवता के लिए समर्पण से जुड़ा कार्य है।
राज्यपाल ने कहा कि हमारा देश महर्षि दधीचि जैसे ऋषियों का देश है, जिन्होंने असुरों से रक्षा के लिए शस्त्र बनाने के लिए अपनी देहदान कर दी। उनकी हड्डियों से वज्र नामक अस्त्र का निर्माण हुआ, जिससे इन्द्र ने असुरों पर विजय प्राप्त की। उन्होंने बताया कि भारत में प्रति दस लाख आबादी पर केवल 0.16 लोग अंगदान करते हैं। वहीं प्रति दस लाख की आबादी पर स्पेन में 36, क्रोएशिया में 35 और अमेरिका में 27 लोग अंगदान करते हैं।
मिश्र ने कहा कि स्पेन अंगदान और प्रत्यारोपण के मामले में अग्रणी है। यूरोपियन यूनियन ने भी अंगदान के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग और सूचना आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया है। भारत में भी राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन इस दिशा में काम कर रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि रेडक्रॉस के अंगदान जागरूकता कार्यक्रम से दूसरों को प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने आह्वान किया कि राजस्थान में अंगदान की जागरूकता के लिए अभियान चलाकर कार्यवाही की जाए और राज्य में अंगदान से जुड़ी सेवाओं का विस्तार हो। जहाँ अंग प्रत्यारोपण संबंधी उपकरण मौजूद हैं, वे सभी राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन के साथ पंजीकृत हों। उन्होंने कहा कि यदि अंगदान में वाणिज्यिक प्रयोग की प्रवृत्ति यदि पाई जाती है तो वह समाज के लिए कलंक है।
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ’आयुष्मान भारत’ योजना के माध्यम से अंगदान और प्रत्यारोपण को प्रोत्साहित किया है। राजस्थान सरकार भी इस दिशा में निरंतर कार्यरत है और अंगदान को जन आंदोलन बनाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय और एसपी मेडिकल कॉलेज ने अंगदान जागरूकता और प्रत्यारोपण में कई सफलताएं हासिल की हैं। उन्होंने आह्वान किया कि मेडिकल कॉलेजों में विद्यार्थियों को अंगदान की महत्ता बताई जाए, जिससे वे अपने पेशेवर जीवन में इस नेक कार्य को प्रोत्साहित कर सकें।
इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी के प्रदेश चेयरमैन राजेश कृष्ण बिड़ला ने कहा कि सोसायटी आपदा प्रबंधन के साथ सामाजिक सरोकारों के काम कर रही है। अंगदान के प्रति जागरूकता इसमें सबसे महत्वपूर्ण है।
इससे पहले राज्यपाल कलराज मिश्र ने दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की। कर्मकांडी पंडितों ने वैदिक मंत्रोच्चार किया गया। राज्यपाल ने संविधान की प्रस्तावना एवं मूल कर्तव्यों का वाचन किया। इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी के स्टेट वाइस चेयरमैन विजय खत्री ने स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होंने सोसायटी की अब तक की गतिविधियों की जानकारी दी।
राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. धनंजय अग्रवाल ने कहा कि बीकानेर में जल्दी ही अंग प्रत्यारोपण सुविधा उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह अंग प्रत्यारोपण महायज्ञ है। इसमें सबकी भागीदारी होनी चाहिए।
राजस्थान अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन के सलाहकार डॉ. धर्मेश कुमार शर्मा ने अंगदान एवं प्रत्यारोपण के प्रति जागरूकता पर प्रस्तुतिकरण दिया।
राज्यपाल ने अंगदान के प्रति जागरूकता से जुड़े पोस्टर का विमोचन किया। इस दौरान अंगदाता स्व. आदित्य नैण के पिता पूर्णाराम नैण ने उद्बोधन दिया। राज्यपाल ने पूर्णाराम नैण का अभिनंदन किया। अभिनंदन पत्र का वाचन डॉ. तनवीर मालावत ने किया।
हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश / संदीप
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